________________
आनन्दवर्धक मन्त्र एवं यन्त्र
मन्त्र
: ॐ ह्रीँ नमो अर्हते आनन्दवर्धकाय भगवते पार्श्वनाथाय नमः |
प्रयोग विधि : साधक, त्रिकरण शुद्धि सहित सविधि निम्नलिखित यन्त्र की सम्मुख स्थापना करके उत्तर दिशा की ओर अपना आसन लगाकर श्री सुशील कल्याण मन्दिर स्तोत्र के इस श्लोक के २१ बार मंगल पाठ से प्रभु पार्श्वनाथ जी का मंगल ध्यान - स्मरण करें । तदुपरान्त उक्त आनन्दवर्धक मन्त्र का जप कमलबीज की माला से करें । नित्य एक माला हितकर हैं। सवा लाख जप से जप - सिद्धि होती है ।
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
Jain Education International 2010_03
- यन्त्रम्
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
अहते
नमः
अर्ह
नमः
अर्हते
नमः
ए
अ
अर्हते
नमः
207
नमः
अर्हते
नमः
अर्हते
:he hill-palh pick the c
For Private & Personal Use Only
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
www.jainelibrary.org