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सम्मानवर्धक मन्त्र एवं यन्त्र
मन्त्र
: ॐ ह्रीँ अर्हं श्री सम्मानवर्धकायं पार्श्वजिनेश्वराय नमो नमः ।
प्रयोग-विधि : साधक, शुद्ध भाव से निम्नलिखित यन्त्र की सविधि स्थापना करके श्री सुशील कल्याण मन्दिर स्तोत्र के तेतालीसवें श्लोक के २१ बार मंगल पाठ से प्रभु पार्श्वनाथ का ध्यान करें । तदुपरान्त उक्त सम्मानवर्धक मन्त्र का मरकतमणि माला से शुभ वेला में जप करें । पाँच लाख जप से जप-सिद्धि होती है । यह मन्त्र सघः चमत्कारी है ।
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
सम्मानं
बहुमान
सम्मानं
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-यन्त्रम्
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
अर्हम्
अर्हम्
हीँ
अर्हम्
अर्हम्
अर्हम्
अर्हम
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श्रीँ
बहुमानं
सम्मान
बहुमानं
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
श्र
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