________________
८ सर्वशान्तिकारक मन्त्र एवं यन्त्र
* मन्त्र
: ॐ हीं अहँ अर्ह सर्वशान्तिकराय नमो भगवते पार्श्वनाथाय। प्रयोग-विधि : साधक सर्वाङ्ग शुद्धि समेत निम्नलिखित यन्त्र की सविधि सम्मुख
स्थापना करके श्री सुशील कल्याण मन्दिर स्तोत्र के चालीसवें श्लोक से २१ बार पाठ कर प्रभु पार्श्वनाथ का पावन ध्यान करें। तदुपरान्त मोती की माला से सर्वशान्तिकारक उक्त मन्त्र का जप करें। प्रतिदिन पाँच माला जप महान् हितकारी है।
-यन्त्रम्
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
अर्हम्
अर्हम
अर्हम्
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
अर्हम्
Late
अई
अहं
L
E HE hallaltpalh Ablitt litt CE
Jain Education International 2010_03
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org