________________
धनलक्ष्मी प्रदायक मन्त्र एवं यन्त्र मन्त्र : ॐ हीं अहँ नमो हितकारिणे पार्श्वनाथाय श्रीँ श्रीँ श्री धनलक्ष्मी
कुरु कुरु स्वाहा। प्रयोग-विधि : पौष कृष्ण पक्ष दशमी (गुजराती-मिगसर कृष्ण दशमी) के शुभ वेला
में निम्नलिखित यन्त्र को सविधि सम्मुख स्थापित करके श्री सुशील कल्याण मन्दिर स्तोत्र के चौंतीसवें श्लोक के २१ बार मंगल पाठ से प्रभु पार्श्वनाथ का ध्यान करें। तदुपरान्त १००८ बार उक्त मन्त्र का एकाग्रचित्त होकर जप करें। परदेश यात्रा या व्यापार आदि के प्रसंग में ११ बार उक्त मन्त्र का जप-स्मरण करें तथा यन्त्र को साथ रखने से महान् लाभ होता है।
-यन्त्रम्ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
पार्श्वनाथाय]
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
Yहितकारिणे
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
(हितकारिणे
नमः
श्री
अर्हम्
अहम
|
helpolb
।
Jain Education International 2010_03
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org