________________
ज्ञान-विज्ञानवर्धक मन्त्र एवं यन्त्र)
मन्त्र : ॐ हीं नमो अरिहंताणं ऐं ऐं ऐं श्रीं नाणस्स नमो नमो ऐं
अर्हम्। * प्रयोग-विधि : शुद्धतापूर्वक पीतवस्त्र धारण करके साधक उत्तर दिशा की ओर
पीत आसन पर बैठकर सविधि निम्नलिखित ज्ञान-विज्ञानवर्धक यन्त्र को काष्ठपीठ पर स्थापित कर श्री सुशील कल्याण मन्दिर स्तोत्र के तीसवें श्लोक का २१ बार पाठ कर पार्श्व जिनेश्वर का ध्यान करें । तदुपरान्त उक्त मन्त्र मोती की माला से गुरुपुष्य नक्षत्र में पाँच माला जप करें। यह मन्त्र एक माला प्रति दिन जपने पर ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में आश्चर्यकारी पथ प्रदर्शित करता है।
-यन्त्रम्| ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
अरिहंताणं
नमो
अरिहंताणं
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
अरिहंत
InHeady
।
He bllolepaih Pblik UE CE
|
Jain Education International 2010_03
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org