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मन्त्र
८ विजय-प्राप्ति मन्त्र एवं यन्त्र : ॐ ही अर्ह अहँ पीयूषवर्षिणे सिद्ध-बुद्ध-मुक्तस्वरूपिणे सर्वतो
विजयप्रदायिने नमो नमः। प्रयोग-विधि : साधना के समय यन्त्र को सम्मुख स्थापित करके उत्तर दिशा की
ओर मुख करके श्री सुशील कल्याण मन्दिर स्तोत्र के इक्कीसवें * श्लोक के २१ बार पाठ से भगवान पार्श्वनाथ का मंगल ध्यान करें। तदुपरान्त शुद्ध भाव से गुरुपुष्य या रविपुष्य नक्षत्र योग की शुभ-वेला में मन्त्र-जप प्रारम्भ करें। ५१ दिनों तक साधना का चमत्कारिक फल होता है। सवा लाख जप प्रारम्भ में करें।
-यन्त्रम्ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
अर्हम्
अहम
अर्हम्
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
अहेम्
अर्ह
अर्ह
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