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मन्त्र
दृष्टिशोधक मन्त्र एवं यन्त्र
: ॐ ह्रीँ अर्हं अर्हं नमो शंखेश्वर पार्श्वनाथाय दृष्टिशोधकाय जगद्धिताय परमात्मने नमो नमः ।
प्रयोग-विधि : साधक, पूर्ण शुद्धिपूर्वक श्रद्धाभाव से ईशानकोण में बैठकर सम्मुख निम्नलिखित यन्त्र स्थापित करें और श्री सुशील कल्याण मन्दिर, स्तोत्र के अठारहवें श्लोक के २१ बार पाठ प्रभु पार्श्वनाथ जी का ध्यान करके उक्त मन्त्र का जप शुभ वेला में प्रारम्भ करें । २१ लाख जप करने से जप-सिद्धि होती है । नित्य एक माला जप श्रेयस्कर है ।
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ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
दृष्टिं
शोधय
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- यन्त्रम्
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
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दर्शनं
पार्श्वनाथाय
नमो
अर्हम्
शोधय
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
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