________________
जन्म-मरण रोगनाशक मन्त्र एवं यन्त्र
मन्त्र : ॐ ही अहँ अर्ह अहँ दं दं दं जन्म-मरण-भय रोग विनाशकाय
नमो नमः। प्रयोग-विधि : साधक, सर्वांङ्ग शुद्धिपूर्वक यन्त्र की सम्मुख स्थापना करके श्री
सुशील कल्याण मन्दिर स्तोत्र के पन्द्रहवें श्लोक से २१ बार पाठ कर प्रभु पार्श्वनाथ जी का ध्यान करें। ध्यान की एकाग्रता को * साधने का पूर्ण प्रयास करें । एकाग्रता होने पर उक्त मन्त्र-जप का प्रारम्भ करें। नित्य एक माला जप साधक के लिए अत्यन्त हितकारक है।
-यन्त्रम्ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
अर्ह
अर्ह
T
H E blale palh
blut HELE
Jain Education International 2010_03
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org