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तनाव-मुक्ति मन्त्र एवं यन्त्र)
मन्त्र : ॐ हीँ अर्ह अह अहँ चितां चूरय चूरय वैकल्यं वारय वारय हूं फट्
स्वाहा। प्रयोग-विधि : त्रिविध शुद्ध समेत, श्वेत वस्त्र धारण कर श्वेत आसन पर बैठकर
श्वेत स्फटिक मणि की माला लेकर पूर्वाभिमुख होकर श्री सुशील कल्याण मन्दिर स्तोत्र के तृतीय श्लोक से २१ बार ध्यान कर प्रतिदिन पाँच माला का जप करें। उक्त मन्त्र का उच्चारण शुद्ध होना चाहिए। ग्यारह लाख जप से मन्त्र सिद्ध होता है। चिन्ता, भय * तथा तनाव से मुक्ति मिलती है। यन्त्र को जप के समय सम्मुख स्थापित करें।
-यन्त्रम्ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
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Palpalhe
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