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| राजस्थान
जैन तीर्थ परिचायिका ठहरने की व्यवस्था : साथ ही यहाँ पर रामपुरीया धर्मशाला, शांताबहन धर्मशाला, रजत जयंती
भवन, नाहटा भवन आदि कई भवनों का निर्माण हुआ। आचार्यश्री जिन चीजों का उपयोग करते थे, उनका संग्रहालय यहाँ पर है। लोगों की सेवा के लिये यहाँ पर आँखों का अस्पताल है, इसका लाभ यहाँ के सभी समाज के लोगों को होता है। गुरुपूर्णिमा, बसंत पंचमी, गुरु निर्वाण दिन (आश्विनवद १०) आदि दिवसों पर यहाँ मेला लगता है। गाँव में श्री सुमतिनाथ भगवान का मंदिर है।
मूलनायक : श्री महावीर भगवान, श्वेतवर्ण।
श्री सत्यपुर तीर्थ मार्गदर्शन : भिनमाल तीर्थ से यह स्थान 47 कि.मी. दूर है। मुख्य राष्ट्रीय मार्ग 15 पर बाड़मेर (सांचोर)
से 135 कि.मी. दूर स्थित सांचोर नगर के मध्य में यह तीर्थस्थान है। आने के लिए जालोर, भिनमाल, बाडमेर, आबू, जोधपुर एवं सिरोही से बस सुविधा है। थराद (गुजरात) से यह पेढ़ी : तीर्थ 44 कि.मी. दूर है।
श्री जैन मूर्तिपूजक संघ की। परिचय : सांचोर गाँव के मध्य में यह तीर्थस्थान है। यह भगवान महावीर के समय का बताया पढी
जाता है। प्राचीन तीर्थों में इसकी विशेष महिमा है। भगवान महावीर के प्रथम गणधर श्री मु. पा. साचार गौतम स्वामी रचित "जग चिंतामणि" स्तोत्र में इस तीर्थ का वर्णन है। बाद में समय-समय
जि. जालोर (राजस्थान) पर यहाँ जीर्णोद्धार होते रहे । यहाँ के मूलनायक की प्रतिमा अति मनोहर है। इसके अतिरिक्त
यहाँ और चार जिन मंदिर हैं। .. ठहरने की व्यवस्था : बस स्टेण्ड के पास ही धर्मशाला, भोजनशाला है।
मूलनायक : श्री भगवान महावीर, श्वेतवर्ण।
श्री भाण्डवपुर मागदर्शन : यह तीर्थ जालोर स्टेशन से 56 कि.मी. दूरी पर भिनमाल तीर्थ से 50 कि.मी. सायला तीर्थ
मेंगलवा मार्ग पर स्थित है। भिनमाल से मुख्य मार्ग पर पांथेरी 25 कि.मी. है वहाँ से सायला 25 कि.मी. है। सडक मार्ग मख्य राजमार्ग है। पांथेरी से 14 कि.मी. पोसाना है वहाँ होकर पेढी: भी भाण्डवजी जाया जा सकता है। यह मार्ग भी बडा मार्ग है। यहाँ से श्री नाकोडा तीर्थ श्री महावीर श्वेताम्बर पेढी 100 कि.मी. है। तथा जहाज मन्दिर मांडवला 45 कि.मी. है। मोदरा स्टेशन से यह पोस्ट भ 35 कि.मी. दूर है।
मेगलवा, वाया सायला जालोर से सुबह प्रातः 8, 10.30, 12, दोपहर 2, 4 व 5 बजे तथा भिनमाल से प्रात: 8 बजे जिला जालोर-343 002 तथा सायं 4 बजे, मोदरा से प्रात: 9 बजे, 12 एवं 4 बजे यहाँ बसें आती हैं।
(राजस्थान)
फोन : 02977-53433 परिचय : भाण्डवपुर गाँव के बाहर स्थित यह प्राचीन तीर्थ स्थल चमत्कारिक स्थल भी है। प्रभु
प्रतिमा का चमत्कार विख्यात है। इस प्राचीन भव्य बावनजिनालय के मन्दिर में प्रभु प्रतिमा की कला अति आकर्षक है। श्री राजेन्द्र सूरीश्वर जी का कमल के फूल के ऊपर बना मन्दिर
अत्यन्त दर्शनीय है। पूजा का समय प्रात: 7.30 से 3.30 बजे तक है। ठहरने की व्यवस्था : ठहरने के लिए मन्दिर के अहाते में ही विशाल सुविधायुक्त धर्मशाला है
जिसमें अटैच्ड बाथरूम के 11 कमरे तथा अन्य साधारण 100 कमरे हैं। भोजनशाला की सुविधा उपलब्ध है। समय प्रातः 10 से 1 तथा सायं 5 बजे से 6.30 बजे तक है। भाते की व्यवस्था है। समय प्रातः 8 से 4 बजे तक।
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