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राजस्थान
सियाणा
| जैन तीर्थ परिचायिका मार्गदर्शन : सियाणा गाँव राजस्थान के जालोर जिले में जालोर शहर से 36 कि.मी. जालोर
सिरोही मार्ग पर स्थित है। सिरोही से यह गाँव 41 कि.मी. बस मार्ग पर आता है। आबूरोड से नाकोड़ा जी जाने वाली बसें वाया सियाणा होकर ही जाती हैं। मांडोली शांतिसूरी जी के समाधि-स्थल से यह गाँव 11 कि.मी. है। तीर्थ यात्रा हेतु पधारने वालों के लिए बसों का
साधन उपलब्ध है। परिचय : यहाँ पर दो भव्य गगनचुम्बी शिखर बद्ध जिनालय हैं।
1. श्री सुविधिनाथ भगवान का तिमंजलीय जिनालय महाराज कुमारपाल के समय में बना हुआ है। अति ही प्राचीन, सौम्य, आकर्षक, रमणीय, कलायुक्त, मनोहर है। परमात्मा सुविधिनाथ प्रभु की प्रतिमा अति ही मनमोहक, मन वांछित पूरण, सम्यग दर्शन प्रदायक है। तीसरी मंजिल पर शांतिनाथ भगवान की 81" अति ही भव्य प्रतिमा विराजमान है, बाजू में दादा गुरुदेव श्री राजेन्द्रसूरीश्वर जी एवं श्री धनचन्द्रसूरीश्वर जी की प्रतिमाएँ एवं शत्रुजय, गिरनार पहाड़ बने हुए हैं। 2. आदिनाथ भगवान का एक और शिखरबद्ध 70 वर्षीय प्राचीन जिनालय है जिनमें
भमति में प्रभु आदिनाथ के भवों के पट्ट अति सुन्दर रंगों में बने हुए हैं। ठहरने की व्यवस्था : गाँव में दो बड़ी धर्मशालाएँ, भोजनशाला, आयंबिल भवन एवं श्री वर्धमान
राजेन्द्र जैन धार्मिक पाठशाला सुचारू रूप से चल रही हैं।
श्री भिनमाल तीर्थ मूलनायक : श्री पार्श्वनाथ भगवान, सुवर्ण वर्ण।
मार्गदर्शन : जालोर से 70 कि.मी. दूर स्थित भिनमाल जाने के लिये जालोर, सिरोही, जोधपुर पेढ़ी:
से सीधी बस सेवा है। यह तीर्थ माण्डोली से 31 कि.मी. दूर है। श्री पार्श्वनाथ जैन श्वेताम्बर
परिचय : भिनमाल एक समय गुजरात की प्राचीन राजधानी था। आबू-देलवाड़ा मंदिरों के तपागच्छीय ट्रस्ट
निर्माता विमलशाह इसी गाँव के थे। यहाँ के राजा तथा श्रेष्ठियों ने सारे भारत में धार्मिक मु. पो. भिनमाल,
कार्य किये हैं। यहाँ का मुख्य मंदिर भिनमाल, शहर के मध्य में सेठवास में है। इसके जि. जालोर (राजस्थान)
अलावा यहाँ दस और जिनमंदिर हैं। किसी जमाने में यह शहर बड़ा प्रभावशाली रहा होगा, यहाँ कई धनवान जैन श्रावक रहते थे। शंखेश्वर गच्छ के आचार्य श्री उदयप्रभसूरी जी ने विक्रम संवत् ७९१ में प्राग्वाट ब्राह्मणों को व श्रीमाल ब्राह्मणों को यहीं जैन बनाया था। माघ
कवि की यह जन्मस्थली है। ठहरने की व्यवस्था : यहाँ ठहरने हेतु उत्तम धर्मशाला एवं सुविधायुक्त भोजनशाला है।
श्री मांडोली तीर्थ
पेढ़ी: श्री गुरुमंदिर पेढ़ी मु. पो. मांडोलीनगर, जि. जालोर (राजस्थान)
आचार्य श्री शान्तिसागर सूरी जी म. का समाधि मंदिर। मार्गदर्शन : जालोर से लगभग 28 कि.मी. दूर जालोर-रामसिन मार्ग पर यह तीर्थ स्थित है। यहाँ
से भीनमाल लगभग 31 कि.मी. दर स्थित है। परिचय : महान तपस्वी योगीराज आचार्य श्री शान्तिसागर सूरि जी म. का अंत्य संस्कार इस
स्थान पर हुआ था, इसलिये इस स्थान का महत्त्व है। अपनी तपश्चर्या के कारण उनको दिव्यशक्ति प्राप्त हुई थी। उनकी दिव्य शक्ति से अनेकों लोगों को लाभ प्राप्त हुआ। अतः जैन-जैनेतर समाज में उनके भक्तगण बड़ी संख्या में हैं। योगीराज के सिंधी भक्त सेठ किसनचंद ने यहाँ पर भव्य गुरुमंदिर का निर्माण करवाया है।
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