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राजस्थान
जैन तीर्थ परिचायिका कि श्री गोडीपार्श्वनाथ तुष्टमान हुए है। पंचतीर्थी बावन जिनालय का निर्माण कराओ। मरुधर में यह प्रतिष्ठित तीर्थ होगा, श्री राजेन्द्रसूरि अंजनशलाका करेंगे। कृष्णपक्ष होने पर भी अद्भुत प्रकाश बरस रहा था, पुजारी जाग पडे। उन्होंने आकाश में दुन्दुभि का स्वर सुना, चारों और कुंकुम के चरण-चिन्ह और पंचवर्णी पुष्प-वर्षा देखी। सेवकों ने नगर में आकर सारा वृत्तान्त सुनाया। श्री संघ ने भावविभोर होकर देव-वाणी को शीश नमाकर, आदेश को शिरोधार्यकर शुभ-मुहूर्त में कार्य प्रारंभ करवाया एवं 19 वर्षों में 52 जिनालय का कार्य पूर्ण हुआ। सं. 1955 फाल्गुण कृष्णा 5 की शुभ तिथि में प. आचार्य श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के ही कर कमलों से अंजन शलाका सम्पन्न हुई एवं 951 प्रतिमाजी की अंजनशलाका करवाकर बृहत-भंडार की स्थापना की। श्री गोडीजी जिनालय के तत्वावधान में जिनशासन की सांस्कृतिक धरोहर के रुप में श्री राजेंन्द्रसूरि जैन बृहद ज्ञान भंडार की स्थापना आचार्य श्री की पांडुलिपियाँ एवं ग्रंथ आज भी उपलब्ध है जिससे कई जैनाचार्य एवं विद्वान लाभान्वित हुए हैं।
श्री उम्मेदपुर तीर्थ मूलनायक : श्री भीड़भंजन पार्श्वनाथ भ.।
मार्गदर्शन : यह तीर्थ जालोर-फालना मार्ग पर आहोर से 10 कि.मी. दूरी पर जालोर-पाली सीमा
पर स्थित है। परिचय : इस तीर्थ की प्रतिष्ठा वि. सं. 1995 में योगीराज श्री विजय शांतिगुरु के द्वारा सम्पन्न
हुई। प्रभु प्रतिमा अत्यन्त मनमोहक एवं दर्शनीय है। ठहरेने की व्यवस्था : भोजनशाला एवं धर्मशाला की सुविधा उपलब्ध है।
श्री चमत्कारी मूलनायक : श्री चमत्कारी पार्श्वनाथ भगवान, श्वेतवर्ण १०३ इंच (परिकर सहित)। पार्श्वनाथ जैन तीर्थ मार्गदर्शन : भिलडी-भीनमाल-जालोर रेल मार्ग पर बाकरा रोड स्टेशन है। जालोर से 28 कि.मी.
दूरी पर है। भीनमाल-जालोर से नियमित रेल-बस सेवा उपलब्ध है। पेढ़ी: श्री चमत्कारी पार्श्वनाथ
परिचय : पचास वर्ष पूर्व श्रीमद् विजय लब्धिचन्द्रसूरीश्वरजी म. सा. एवं श्री कमल विजय जी जैन तीर्थ
की प्रेरणा से, गुरुदेव श्री विजय तीर्थेन्द्रसूरीश्वरजी म. सा. की भविष्यवाणी अनुसार, बाकरा श्री तीर्थेन्द्रसूरि स्मारक
रोड स्टेशन पर इस तीर्थ को प्रारम्भ करने हेतु घोषणा की गयी। अत्यन्त कम समय में श्री संघ ट्रस्ट
चमत्कारी पार्श्वनाथ जैन मंदिर, श्री गणधर मंदिर, गुरु मंदिर, श्री नाकोडा भैरवजी मंदिर, मु. पो. तीर्थेन्द्रनगर,
श्री लब्धिचन्द्रसूरीश्वरजी म. सा. का समाधि मंदिर आदि पांचों मंदिरों की अंजनशलाका बाकरा रोड स्टेशन
प्रतिष्ठा का मंगल कार्य सम्पन्न हुआ है। प्रतिष्ठा के पूर्व चमत्कार रूपी नागदेवता प्रकट हुए जि. जालोर-343025 हजारों लोगों ने दर्शन किये एवं दुग्धपान करवाया गया। गुरुदेव श्रीमद् विजय (राजस्थान)
राजेन्द्रसूरीश्वरजी म. सा. की जन्म जयन्ती (गुरु सप्तमी) पोष सुद 7 के अवसर पर प्रतिवर्ष फोन : (02973) 51144 | यहाँ पर मेला लगता है। ट्रस्ट द्वारा जीवदया हेतु गौशाला एवं धर्म शिक्षण हेतु गुरुकुल की
स्थापना आदि योजनायें हैं।
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