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जैन तीर्थ परिचायिका
मूलनायक : श्री आदिनाथ भगवान ।
मार्गदर्शन : डूंगरपुर से यह तीर्थ 35 कि.मी. दूर बनकोड़ा गाँव में छोटी सी पहाड़ी पर स्थित है। बड़ौदा ग्राम के श्री केशरियाजी प्राचीन मन्दिर से इसकी दूरी 15 कि.मी. है। डूंगरपुर रेलवे स्टेशन से बस की सुविधा उपलब्ध है। तीर्थ पर आसपुर एवं डूंगरपुर से बसों का आवगमन रहता 1
परिचय : बनकोड़ा गाँव में स्थित यह तीर्थ वांगड़ क्षेत्र का महत्वपूर्ण तीर्थ है । गाँव में छोटी सी पहाड़ी पर 250 फुट की ऊँचाई पर मन्दिर स्थित है। गाँव में श्री चंद्रप्रभ स्वामी का मन्दिर एवं श्री अजितनाथ स्वामी का मन्दिर है। पहाड़ी पर स्थित गुरु मन्दिर अत्यंत चमत्कारी है । पूजा का समय प्रातः 8 से 12 बजे तक है
ठहरने की व्यवस्था : यात्रियों के ठहरने हेतु गाँव में व्यवस्था हो जाती है। भोजनशाला का फिलहाल कोई प्रबन्ध नहीं है ।
परिचय: ओबरी गाँव में काँच का सुन्दर जिनालय एवं सूर्य मन्दिर दर्शनीय है । ओबरी से 2 कि.मी. दूर डेंचा गाँव में 2 जिनालय हैं। (1) शामराजी पार्श्वनाथ मन्दिर तथा (2) सामरा आदिनाथ जिनालय । प्रत्येक पूर्णिमा को अपनी मनोकामनाएँ लेकर अनेक यात्री यहाँ दर्शनार्थ आते हैं।
ठहरने की व्यवस्था : ओबरी एवं डेंचा में धर्मशाला है ।
मार्गदर्शन : यह तीर्थ क्षेत्र डूंगरपुर से 25 कि.मी. दूर तथा सागवाड़ा से 21 कि.मी. स्थित है । ओबरी-डेंचा डूंगरपुर से अंतरी होते हुए ओबरी पहुँचा जा सकता है।
मूलनायक : श्री पद्मप्रभु भगवान, गुलाबी वर्ण ।
मार्गदर्शन : यह स्थान जयपुर से 34 कि.मी. दूरी पर है। यह जयपुर टोंक मुख्य मार्ग पर 28 कि.मी. दूर स्थित शिवदासपुरा से 5 कि.मी. दूर है। जयपुर से खानिया - गोनेर होते हुए पद्मपुरी को बस जाती है। यह दूरी 24 कि.मी. की है। गाँव का नाम बाड़ा है जो कुछ समय पूर्व पद्मप्रभु जी की भूगर्भ से निकली प्रतिमा के कारण पद्मपुरी के नाम से प्रसिद्ध है। यहाँ का निकटतम स्टेशन शिवदासपुर - पद्मपुरा रेल्वे स्टेशन क्षेत्र से 6 कि.मी. दूर स्थित है । परिचय : यह एक 'अतिशय' क्षेत्र है। तीर्थ स्थल बाड़ा गाँव के बाहर स्थित है । इस चमत्कारी मूर्ति की बड़ी मान्यता है। इसके अतिशय के लिए विशेषतः भूतबाधा दूर करने के लिए क्षेत्र की विशेष मान्यता है। यहाँ की प्रभु प्रतिमा एक किसान को खेत में मिली। वह चमत्कारी होने के कारण यहाँ यात्रियों की बहुत भीड़ होने लगी। विक्रम संवत् 2039 में इस प्रतिमा की प्रतिष्ठा भव्य एवं विशाल मंदिर में की गयी। यह मंदिर विशाल घेरे में फैला हुआ है, अन्दर गोलाकार विशाल सभामंडप है। कमल के फूल पर विराजित इस ढंग की प्राचीन प्रभु प्रतिमा के दर्शन अन्यत्र दुर्लभ हैं। मूर्ति के निकलने के दिन वैशाख शुक्ल 5 को तथा भगवान पद्मप्रभु के निर्वाण फाल्गुन कृष्ण 4 को मेले लगते । क्षेत्र का मुख्य वार्षिक मेला दशहरे के अवकाश के दिनों में लगता है ।
ठहरने की व्यवस्था : यहाँ दो धर्मशालाएँ हैं जिनमें बिजली, पानी आदि की समुचित व्यवस्था है।
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राजस्थान
श्री रत्नागिरी तीर्थ
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पेढ़ी :
:
वागड़ जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक श्री संघ पेढ़ी रत्नागिरी, पोस्ट बनकोड़ा, जिला डूंगरपुर - 314023
(राजस्थान )
जिला- जयपुर
श्री पद्मप्रभुजी तीर्थ
पेढ़ी :
श्री दिगम्बर जैन अतिशय
क्षेत्र
मु.
पो. बाडा, पद्मपुरा, जि. जयपुर (राजस्थान) फोन : (014294) 7225,
7220
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