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राजस्थान
जैन तीर्थ परिचायिका पैकेज टूर की व्यवस्था भी है। इसके लिए राजस्थान टूरिज्म के ऑफिस से जानकारी प्राप्त की जा सकती है। सन् 1979 से यहाँ बाघ परियोजना लागू की गयी जिसके अन्तर्गत यहाँ बाघों को प्रमुखता प्रदान की गयी। कालींजरी रेंजर पोस्ट से वन्य प्राणियों को अच्छी प्रकार देखा जा सकता है। यहाँ वाच टावर भी बना हुआ है। रात्रि में वाच टावर से बाघ आदि भी देखे जा सकते हैं। वाच टावर पर रात्रि में रुकने के लिए पेयजल व खाद्य सामग्री साथ रखना अच्छा रहता है। वन के 22 कि.मी. अन्दर पाण्डुपोल में हनुमान जी के दर्शन लाभ लिए जा सकते हैं। सरिस्का बस द्वारा दिल्ली, जयपुर व अलवर से सम्पर्क में है। यहाँ तीनों स्थान से नियमित बस सेवा उपलब्ध है।
राजस्थान के पूर्वी भाग में आगरा से 56 कि.मी., दिल्ली से 176 कि.मी. तथा जयपुर से 175 जिला भरतपर
कि.मी. दूर स्थित भरतपुर कालवादेव राष्ट्रीय उद्यान के लिए जाना जाता है। यह उद्यान पक्षी विहार है। यहाँ पर साइबेरियन सारस, इबीस आदि दुर्लभ पक्षी नवम्बर से फरवरी तक देखने को मिलते हैं। सौ से अधिक विभिन्न जातियों के पक्षी यहाँ दृष्टिगत होते हैं। प्रातःकालीन वेला में पक्षियों को देखने का आनन्द अकल्पनीय है। शीतकालीन मौसम में पक्षी सुदूर विहार करते हुए यहाँ घाना पक्षी विहार में आते हैं। चीन, साइबेरिया, मध्य एशिया आदि के पक्षी यहाँ देखे जा सकते हैं। आगरा ठहरकर प्रात:काल में यहाँ आकर पक्षी विहार देखकर जयपुर की ओर प्रस्थान किया जा सकता है। वैसे यहाँ भी ठहरने हेतु राजस्थान
टूरिज्म के होटल आदि उपलब्ध हैं। डीग
भरतपुर से 34 कि.मी. उत्तर की ओर बगीचों से सजा, सुन्दर फव्वारों से सुसज्जित है डीग दुर्ग। यहाँ मुख्य आकर्षण हैं गोपाल भवन, कृष्ण भवन, केशव भवन तथा नन्द भवन। गोपाल भवन में संग्राहालय भी दर्शनीय है। दुर्ग देखने का समय 8-12 तथा 1-7 तक है।
आगरा से 50 कि.मी. दूर आगरा ग्वालियर मार्ग पर स्थित धौलपुर का लाल पत्थर प्रसिद्ध है। जिला धौलपर
बाबर द्वारा बनाया गया प्राचीन मुगल उद्यान जोहर यहाँ से 16 कि.मी. दूर है। बीबी जरीना का मकबरा भी देखने योग्य है।
धौलपुर मचकुन्ड जो यहाँ से 5 कि.मी. दूर स्थित है। मन्दिरों से घिरी झील है। जिसके चारों ओर छाए मन्दिर दर्शनीय है। बाड़ी वन विहार क्षेत्र है। यहाँ जंगली पशु विचरण करते हैं। फिरोजशाह द्वारा निर्मित तालाब-ए-शाही झील तथा दुर्ग भी दर्शनीय हैं।
राजस्थान का प्रसिद्ध शहर बीकानेर थार रेगिस्तान के मध्य दिल्ली से सड़क मार्ग से 538 कि.मी. जिला बीकानेर
तथा जयपुर से 325 कि.मी. दूर स्थित है। रेल द्वारा बीकानेर दिल्ली, अहमदाबाद, जोधपुर, सवाई माधोपुर, जैसलमेर, जयपुर आदि शहरों से जुड़ा हुआ है। नियमित बस सेवा भी बीकानेर विभिन्न शहरों के लिए यहाँ से उपलब्ध है। बीकानेर शहर पर्यटन केन्द्र होने के कारण, यहाँ होटल एवं धर्मशालाएँ विभिन्न दरों पर उपलब्ध हैं। होटल पाँच तारा से लेकर सामान्य दर तक उपलब्ध हैं। शहर में बस, तांगा, टैक्सी आदि सभी सुविधाएँ हैं। यहाँ एक दिगम्बर जैन व कई श्वेताम्बर जैन मन्दिर हैं। इनमें 16वीं शताब्दी का भण्डारसा जैन मन्दिर अत्यन्त प्रसिद्ध और अपनी कलात्मक भव्यता के लिए देश भर में प्रसिद्ध है। इस मन्दिर के मूलनायक श्री पार्श्वनाथ भगवान हैं।
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