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________________ जैन तीर्थ परिचायिका मध्य प्रदेश मूलनायक : श्री संभवनाथ स्वामी। जिला खंडवा मार्गदर्शन : यह तीर्थ नर्मदा एवं कावेरी नदी के संगम के पास ओंकारेश्वर तीर्थ के निकट पर्वत । श्रेणियों के मध्य एक समतल पर्वत शिखर पर स्थित है। यहाँ से बड़वाह 18 कि.मी. दूर श्री सिद्धवरकूट है। बड़वाह से तीर्थ मार्ग में चोरल नदी पर पुल बन जाने के कारण अब मार्ग सुविधाजनक तीर्थ हो गया है। बड़वाह से कार अथवा बस द्वारा यहाँ पहुँचा जा सकता है। ओंकारेश्वर रोड स्टेशन से 8 कि.मी. दूर है। ओंकारेश्वर मन्दिर तक बस द्वारा पहुँचा जा सकता है। यहाँ से ऐती. नाव द्वारा तीर्थ पर पहुँचा जा सकता है। ओंकारेश्वर इंदौर से 77 कि.मी. तथा खण्डवा से श्री दिगम्बर जैन सिट क्षेत्र 60 कि.मी. है। ओंकारेश्वर से सनावद 18 कि.मी. दूर है। इन्दौर तथा खण्डवा से मिटा सिद्धवरकूट ओंकारेश्वर रोड के लिए नियमित बस सुविधा उपलब्ध है। इन्दौर-मऊ-खण्डवा रेलमार्ग सोसावा से भी ओंकारेश्वर रोड पहंच सकते हैं। (ओंकारेश्वर) परिचय : इस क्षेत्र का प्राकृतिक सौन्दर्य चित्त को आकर्षित करता है। जैन शास्त्रों के अनुसार जिला खंडवा यह तीर्थ अति प्राचीन माना जाता है। श्री आदीश्वर भगवान की प्रतिमा पर विक्रम संवत (मध्य प्रदेश) 11 का लेख उत्कीर्ण हैं। इस मन्दिर में श्री चन्द्रप्रभ भगवान की भव्य प्रतिमा विक्रम संवत् फोन : 07280-71229 1545 में श्री सोमसेन स्वामी जी द्वारा प्रतिष्ठापित की गयी है। इस मन्दिर का पुनः जीर्णोद्धार विक्रमी संवत् 1951 में हुआ था। यहाँ पर वार्षिक मेला फाल्गुन शुक्ला त्रयोदशी से पूर्णिमा तक लगता है। यहाँ पर श्री सनत कुमार एवं मंधवा, दो चक्रवर्ती, वत्सराज आदि 10 कामदेव व अनेकों मुनियों के साथ मोक्ष को प्राप्त हुए थे। वर्तमान में इसके अतिरिक्त यहाँ दस मन्दिर, एक देहरी, एक छत्री मानस्तम्भ और 6 चैत्यालय हैं। ठहरने की व्यवस्था : यात्रियों के ठहरने के लिए धर्मशालाएं व 3 गेस्ट हाउस हैं। जहाँ बिजली, पानी, बर्तन व ओढ़ने-बिछाने के वस्त्रों की सुविधाएँ हैं। ओंकारेश्वर में भी एक जैन धर्मशाला है। दर्शनीय तीर्थ : सुन्दर प्राकृतिक वातावरण में ओंकारेश्वर रोड से 9 कि.मी. दूर द्वादश ज्योतिर्लिंगों में अन्यतम-ओंकारेश्वर व मणिलेश्वर ज्योतिर्लिंग मन्दिर अत्यंत दर्शनीय हैं। श्रद्धालु यात्रिगण यहाँ 11 कि.मी. की परिक्रमा कर अपने को धन्य मानते हैं। परिक्रमा मार्ग में अनेकों देव-देवियों के मन्दिर हैं। नदी में मगरमच्छों के होने के कारण नदी में स्नान करना जानलेवा सिद्ध हो सकता है। यहाँ ठहरने हेतु मन्दिर कमेटी का गैस्ट हाउस तथा रैस्ट हाउस हैं। मूलनायक : श्री आदीश्वर भगवान, पद्मासन की मुद्रा में। जिला मन्दसौर मार्गदर्शन : मुम्बई-दिल्ली रेल्वे मार्ग पर स्थित शामगढ़ रेल्वे स्टेशन से 10 कि.मी. दूर पूर्व में । म श्री परासली तीर्थ परासली ग्राम में यह तीर्थ स्थित है। शामगढ़ से परासली तक पक्का सड़क मार्ग है। स्टेशन आपरासला तय से टैक्सी, बस आदि साधन उपलब्ध हैं। प्रातः 7 बजे से सायं 7 बजे तक प्रत्येक घन्टे में रोती. बसों का आवागमन होता रहता है। मन्दसौर यहाँ से 90 कि.मी. दूर है। श्री नागेश्वर तीर्थ श्री जैन श्वेताम्बर यहाँ से 47 कि.मी. दूर है। शामगढ़ रेल्वे स्टेशन पर पश्चिम एक्सप्रेस, जनता एक्सप्रेस, आदेश्वरजी तीर्थ पेढी निजामुद्दीन एक्सप्रेस, देहरादून एक्सप्रेस, अवध एक्सप्रेस, मथुरा-रतलाम-लोकल, स्वर्ण पोस्ट परासली तीर्थ मन्दिर एक्सप्रेस, फ्रंटियर मेल, गणगौर एक्सप्रेस, जयपुर-चेन्नई एक्सप्रेस तथा जयपुर- श्यामगढ़. जिला मन्दसौर बैंगलोर एक्सप्रेस आदि ट्रेनों का ठहराव है। सुवासरा रेल्वे स्टेशन से तीर्थ 12 कि.मी. दूर (मध्य प्रदेश)-458883 है। वाहन आदि स्टेशन पर उपलब्ध हो जाते हैं। फोन : 07425-32855 Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jaine|b45.org
SR No.002578
Book TitleJain Tirth Parichayika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year2004
Total Pages218
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Pilgrimage
File Size14 MB
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