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________________ मध्य प्रदेश | जैन तीर्थ परिचायिका श्री भोपावर तीर्थ मूलनायक : श्री शान्तिनाथ भगवान, कायोत्सर्ग मुद्रा में। मार्गदर्शन : यह तीर्थ भोपावर गाँव में मही नदी के निकट स्थित है। निकटतम रेल्वे स्टेशन पेढ़ी: मेघनगर 70 कि.मी. तथा रतलाम 100 कि.मी. दूरी पर हैं। भोपाल की यहाँ से दूरी श्री शान्तिनाथ जैन श्वे. 125 कि.मी. तथा इन्दौर रेल्वे स्टेशन से 80 कि.मी. है। इन स्थानों से बस एवं टैक्सी की मन्दिर ट्रस्ट सुविधा उपलब्ध है। राजगढ़ से यह तीर्थ 12 कि.मी. तथा सरदारपुर से 7 कि.मी. दूर पडता भोपावर, तहसील है। यहाँ से मोहनखेड़ा तीर्थ 14 कि.मी., माण्डव 80 कि.मी. तथा अमीझरा पार्श्वनाथ सरदारपुर 25 कि.मी. दूरी पर है। राजगढ़ व सरदारपुर से दिन भर बसों का आवागमन रहता है। तीर्थ जिला धार-454 111 (मध्य प्रदेश) पर पेढ़ी की जीप की व्यवस्था है। फोन : (07296) 66830, परिचय : इस क्षेत्र के संबंध में एक किंवदन्ति प्रचलित है कि इसका प्राचीन नाम भोजकूटनगर 66861; 32401 था। श्री रुक्मण कुमार ने अपनी बहिन राजकुमारी रुकमणी को श्री कृष्ण भगवान के द्वारा (राजगढ़ पेढ़ी अपहरण कर लेने पर श्री कृष्ण से यहीं पर युद्ध किया था। वर्तमान में इस मन्दिर के अहाते ऑफिस) में ही इसके पूर्व का मन्दिर भूगर्भ में रहने का संकेत मिलता है। श्री शान्तिनाथ भगवान की प्रतिमा अतीव प्राचीन और श्री नेमिनाथ भगवान के काल की बताई जाती है। यहाँ पर प्रति वर्ष पोष कृष्ण दशमी को मेला लगता है। इस इलाके के भील लोगों में श्री शान्तिनाथ प्रभु, श्री काला बाबा व खामणा देव के नाम से प्रचलित हैं। इस तीर्थ स्थल पर अनेकों प्रकार के चमत्कार प्रायः होते रहते हैं। मन्दिर में काँच, सिपनी व मीनाकारी आदि का काम विभिन्न कलायुक्त, अति सुन्दर प्रतीत होता है। कलाकारों ने मन्दिर में कोई जगह खाली नहीं रखी। पूजा का समय प्रातः 7.30 बजे से सायं 4 बजे तक है। ठहरने की व्यवस्था : यात्रियों के ठहरने हेतु राजगढ़ में धर्मशाला की व्यवस्था है। भाता की व्यवस्था प्रात: 9 बजे तक है। भोजन प्रातः 11 से 2 बजे तक तथा सायं 5 से सूर्यास्त तक उपलब्ध होता है। श्री अमीझरा तीर्थ पेढ़ी : श्री अमीझरा पार्श्वनाथ श्वेताम्बर मन्दिर। डाकघर अमीझरा जिला धार (मध्य प्रदेश) मूलनायक : श्री अमीझरा पार्श्वनाथ भगवान, पद्मासन की मुद्रा में। मार्गदर्शन : यह तीर्थ अमीझरा गाँव के अन्तर्गत एक मोहल्ले में स्थित है। यहाँ से धार 35 कि.मी. तथा धार से इन्दौर 59 कि.मी. दूर है। इन्दौर खण्डवा से यहाँ के लिए बस व टैक्सी की सुविधाएँ उपलब्ध हैं। मन्दिर तक पक्की सड़क है। परिचय : अमीझरा का प्राचीन नाम कुन्दनपुर था। प्रतिमा पर अंकित लेख से ज्ञात होता है कि वीर नि. सं. 2017 माघ कृष्ण पक्ष के तृतीय दिवस को आचार्य श्री विजयसोमसूरि जी ने अपने सुहस्ते इस दिव्य व चमत्कारिक प्रतिमा की प्रतिष्ठा करवायी थी। किसी समय भगवान की प्रतिमा से अमृत रुपी अमी असीम मात्रा में झरते रहने के कारण अमीझरा पार्श्वनाथ भगवान कहने लगे। सिन्धिया नरेश ने प्रभु की चमत्कारिक घटनाओं से प्रभावित होकर इस गाँव को भी अमीझरा नाम से परिवर्तित किया। प्रतिमा असीम कलात्मक एवं सौन्दर्य के विविध तथ्यों से ओतप्रोत है। ठहरने की व्यवस्था : मन्दिर के निकट ही धर्मशाला है जहाँ पानी और बिजली की सुविधाएँ उपलब्ध हैं। Jai 42 ubation International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002578
Book TitleJain Tirth Parichayika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year2004
Total Pages218
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Pilgrimage
File Size14 MB
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