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उत्तर प्रदेश
जैन तीर्थ परिचायिका झाँसी
ग्वालियर से 70 कि.मी. दूर एवं दतिया से 34 कि.मी. दूर झाँसी रानी लक्ष्मीबाई की वीर गाथा की याद ताजा करती है। झाँसी में रानी का महल तथा यहाँ से 17 कि.मी. दूर स्थित
ओरछा में जहाँगीर महल, मधुकर महल, लक्ष्मी नारायण मन्दिर, रामराजा मन्दिर अत्यंत दर्शनीय हैं।
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मूलनायक : श्री पद्मप्रभ भगवान, पद्मासनस्थ।
जिला कौशाम्बी मार्गदर्शन : यह तीर्थ इलाहाबाद स्टेशन से 54 कि.मी. दूर यमुना तट पर बसे गढ़वा कोशल
। श्री कौशाम्बी तीर्थ इनाम गाँव में स्थित है। इलाहाबाद से जबलपुर मार्ग पर यह तीर्थ है। प्रभासगिरि तीर्थ यहाँ से 15 कि.मी. दूरी पर है। पैदल मार्ग, नदी किनारे का, मात्र 6 कि.मी. का है। स्टेशन पर बस व टैक्सी की सविधा उपलब्ध है। मन्दिर तक बस व कार जा सकती हैं। दिन भर बोला प्रत्येक घन्टे इलाहाबाद से यहाँ बसों का आवागमन होता रहता है।
कौशाम्बीगढ़, परिचय : इस तीर्थ की प्राचीनता का इतिहास श्री पद्मप्रभ भगवान के समय से प्रारम्भ होता है। जिला कौशाम्बी
श्री पद्मप्रभ भगवान का च्यवन, जन्म कल्याणक होने का सौभाग्य इस पावन भूमि को प्राप्त (उत्तर प्रदेश) हआ। यहाँ प्राचीन नगर के भग्नावशेष मीलों में बिखरे पडे हैं। एक प्राचीन स्तम्भ है। हाल ही में हुई खुदाई में यहाँ प्राचीन महल, किले एवं भवनों के खंडहर निकले हैं जिससे प्राचीन कौशाम्बीगढ़, काल में इसकी भव्यता की ओर संकेत मिलते हैं। यहाँ 16 मन्दिरों का परिसर अति सुन्दर जिला कौशाम्बी है। गढ़वा ताल भी देखा जा सकता है।
(उत्तर प्रदेश) ठहरने की व्यवस्था : ठहरने के लिए श्वेताम्बर व दिगम्बर धर्मशालाएँ हैं। बस स्टैन्ड के निकट
दो श्वेताम्बर मन्दिर एवं धर्मशालाएँ हैं । इलाहाबाद रूककर यहाँ आना श्रेयकर है।
मूलनायक : भगवान ऋषभदेव।
श्री दारानगर तीर्थ मार्गदर्शन : कानपुर-इलाहाबाद मार्ग पर इलाहाबाद से 64 कि.मी. दूर यह क्षेत्र स्थित है। कानपुर
मार्ग पर सैनी बस स्टॉप से दो कि.मी. उत्तर दिशा में दारानगर ग्राम में यह तीर्थ है। निकटतम पढ़ी : रेल्वे स्टेशन सिरायू यहाँ से 6 कि.मी. दूर है। स्टेशन से ऑटो, रिक्शा तथा ताँगा के साधन
श्री ऋषभदेव दिगम्बर जैन
मन्दिर हर समय उपलब्ध रहते हैं। यहाँ से इलाहाबाद एवं कानपुर के लिए हर एक घण्टे में बस
पोस्ट दारानगर सेवा उपलब्ध है। प्रभासगिरी यहाँ से लगभग 45 कि.मी. दूर है।
जिला कौशाम्बी परिचय : यह मन्दिर 350 वर्ष प्राचीन है। 822 वर्ष प्राचीन, कसौटी पाषाण से निर्मित प्रभु की (इलाहाबाद)-212 204
अति मनोज्ञ एवं चमत्कारी प्रतिमा यहाँ विराजमान है। यह प्रतिमा 4 कि.मी. दूर कुएँ से प्राप्त
हई थी। वर्तमान में मन्दिर का जीर्णोद्वार कार्य चल रहा है। पूजा प्रात: 7.00 बजे होती है। ठहरने की व्यवस्था : एक धर्मशाला है। क्षेत्र में एक जैन परिवार जो कि पूर्व में जमीदार थे
रहता है। उनकी बड़ी कोठी में यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था हो जाती है। पूर्व सूचना देने पर भोजन आदि का भी प्रबन्ध हो जाता है।
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