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उत्तर प्रदेश
जैन तीर्थ परिचायिका ठहरने की व्यवस्था : पंचायती दिगम्बर जैन मन्दिर में आधुनिक सुविधाओं से युक्त धर्मशाला
है। अधिक यात्रियों के आने पर विद्यालय भवन में व्यवस्था की जाती है। भोजनालय उपलब्ध नहीं है परन्तु निकट ही अनेक शाकाहारी भोजनालय हैं। श्री ऋषभदेव जैन श्वे. मन्दिर में 50 यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था जैन धर्मशाला में उपलब्ध है। 1 कि.मी. की दूरी पर बांगड़ धर्मशाला है। वहाँ पर 2000 यात्रियों के ठहरने की सुविधा है। निकट ही गुजराती समाज की भोजनालय की व्यवस्था है। यहाँ जैन मन्दिर में भोजनशाला नहीं है परन्तु संघ के रसोड़ा साथ में होने पर किचन रूम की सुविधा है।
मूलनायक : श्री पार्श्वनाथ भगवान, पद्मासनस्थ ।
जिला बरेली मार्गदर्शन : यह तीर्थ आँवला स्टेशन से 14 कि.मी. दूर स्थित है। रेवती व बहोड़ा खेड़ा स्टेशन .
श्री अहिच्छत्र तीर्थ यहाँ से 7 कि.मी. दूर है। जहाँ से टैक्सी, जीप, बस, टैम्पो व ताँगों की सुविधा है। मन्दिर का माहच्छ तक कार व बस जा सकती हैं। प्रातः 7 बजे से सायं 7 बजे तक बसों का आवागमन रहता
पेढ़ी : है। क्षेत्र से 25 कि.मी. दूरी पर लख्खी बाग है। बरेली यहाँ से 50 कि.मी. दूर है। हसि
श्री अहिच्छत्र पार्श्वनाथ यहाँ से 185 तथा कम्पिल जी 178 कि.मी. दूर हैं।
अतिशय तीर्थ क्षेत्र दिगम्बर परिचय : यह अति प्राचीन तीर्थ है। श्री आदिनाथ भगवान के पश्चात के तीर्थंकरों की विहार- जैन मन्दिर
भूमि व ग्यारह चक्रवर्तियों की अधिकार-भूमि होने का सौभाग्य इस पवित्र भूमि को प्राप्त पोस्ट रामनगर किल हुआ है। संकट हरण तेईसवें तीर्थंकर श्री पार्श्वनाथ भगवान की तपोभूमि रहने के कारण यहाँ तहसील आँवला, की विशिष्ट महत्ता है। इसके अतिरिक्त गाँव में एक और मन्दिर है। प्रभु प्रतिमा की कला जिला बरेली-243 303 अद्भुत व मनमोहक है। यहाँ से 2 कि.मी. दूर द्रुपद किला दर्शनीय है।
फोन : (05823) 36418 ठहरने की व्यवस्था : ठहरने के लिए दो धर्मशालाएँ है। जिनमें 180 कमरे व दो बड़े हॉल हैं।
निकट ही बाजार है। भोजनशाला की निःशल्क व्यवस्था है।
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मूलनायक : श्री विमलनाथ भगवान, पद्मासनस्थ (श्वेताम्बर मन्दिर); श्री विमलनाथ भगवान, जिला फर्रुखाबाद
पद्मासनस्थ (दिगम्बर मन्दिर)। मार्गदर्शन : यह तीर्थ कायमगंज स्टेशन से 10 कि.मी. दूर कम्पिलपुर गाँव में स्थित है। .
। श्री कम्पिलाजी
तीर्थ कायमगंज से बस टैक्सी, रिक्शा व ताँगों की सुविधा है। मन्दिर तक कार व बस जा सकती है। यहाँ से फर्रुखाबाद 40 कि.मी., कानपुर 170 कि.मी., आगरा 165 कि.मी., कन्नौज
पेढ़ी: 80 कि.मी., संकीसा बौद्ध तीर्थ 30 कि.मी. दूर है।
श्री विमलनाथ स्वामी जैन वान श्री आदिनाथ द्वारा विभाजित 52 जनपदों में पांचाल जनपद का यह एक मुख्य श्वेताम्बर मन्दिर एवं शहर था। यहाँ भूगर्भ से प्राप्त प्राचीन अवशेषों से ज्ञात होता है कि यहाँ अनेकों जिन मन्दिर धर्मशाला थे। तेरहवें तीर्थंकर श्री विमलनाथ भगवान के च्यवन, जन्म, दीक्षा, केवलज्ञान ये चार पो. कम्पिल. कल्याणक होने का सौभाग्य भी इसी भूमि को प्राप्त हुआ। महासती द्रौपदी की यह जन्मभूमि जिला फर्रुखाबाद-7 है। पांचाल जनपद की राजधानी थी। यहाँ मन्दिरों में कुषाण व गुप्तकालीन प्रतिमाओं के फोन : 05690-52289
दर्शन होते हैं। प्रतिमाएँ अति सुन्दर व भावात्मक हैं। पूजा का समय प्रातः 9 बजे है। ठहरने की व्यवस्था : ठहरने के लिए श्वेताम्बर व दिगम्बर धर्मशालाएँ हैं। श्वेताम्बर मन्दिर में
सुन्दर धर्मशाला है। जिसमें 15 कमरे तथा तीन बड़े हॉल हैं। सभी आधुनिक सुविधाएँ यहाँ उपलब्ध हैं। भोजनशाला की व्यवस्था है। मनीमजी सब व्यवस्था कर देते हैं।
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