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________________ महाराष्ट्र जैन तीर्थ परिचायिका जिनालय में आरस की 29 प्रतिमा, पंचधातु की 18 प्रतिमा, सिद्धचक्रजी-5 एवं चाँदी के 10 सिद्धचक्रजी वगैरह प्रतिमा का दर्शन कर आनन्द से झूम जाते हैं। प्रतिमाएँ अपनी प्राचीनता एवं कलात्मकता के कारण दर्शनीय हैं। यहाँ के मूलनायक श्री मुनिसुव्रत स्वामी जी की प्रतिमा नालासोपारा के तालाब से प्राप्त हुई है। यह मूर्ति श्रीपालराज के समय की खूब प्राचीन और चमत्कारिक कही जाती है। आजकल जीर्णोद्वार चालू है। ठहरने की व्यवस्था : मन्दिर के सामने ही मन्दिर की ऑफिस व दो पुरानी धर्मशालाएँ हैं (1) महुवा निवासी सेठ वीरचन्द गाँधी सेनेटरीयम, (2) सेठ चन्दुभाई वच्छराज सेनेटरीयम। सेठ रूपचन्द लल्लुभाई झव्हेरी नूतन धर्मशाला का उद्घाटन वि. सं. 2066 का चैत्र वद 5 रविवार ता. 26-04-1976 को श्रीमती ललिताबेन लल्लुभाई झव्हेरी के करकमलों से हुआ था। यहाँ उपाश्रय, पाठशाला आयंबिल शाला की व्यवस्था है। यहाँ यात्रालु भाईयों के लिए जैन भोजनशाला की अति सुन्दर व्यवस्था है। मूलनायक : श्री मुनिसुव्रत स्वामी भगवान, पद्मासनस्थ। श्री कोंकण मार्गदर्शन : यह तीर्थ मुम्बई से 24 कि.मी. दूर थाणा में टेभी नाका के बीच में स्थित है। शत्रुजय तीर्थ निकटतम रेल्वे स्टेशन ठाणे है। जहाँ से हर प्रकार का साधन उपलब्ध है। परिचय : इस मन्दिर की प्रतिष्ठा विक्रम संवत 2005 के माघ शुक्ला 5 को हुई थी। इसके सामने पेढ़ी : श्री ऋषभदेव जी महाराज ही श्री आदिनाथ भगवान का मन्दिर है। श्रीपाल राजा, श्री विक्रमादित्य राजा तथा सम्प्रति जैन धर्म टैम्पल एण्ड ज्ञाती ट्रस्ट राजा इत्यादि के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं के बने भव्य एवं सुन्दर रंग-बिरंगे पट बने जैन मन्दिर मार्ग, टेंभी हुए हैं, जो बहुत ही आकर्षक हैं। पूजा का समय प्रातः 7.30 बजे है। नाका, ठाणे-400 601 ठहरने की व्यवस्था : मन्दिर के पास ही धर्मशाला है। जहाँ सभी सुविधाएँ हैं। भोजनशाला व फोन : 022-5472389, 5475811 आयंबिलशाला की सुविधा है। मूलनायक : श्री भगवान महावीर, पद्मासनस्थ। श्री दहीगाँव तीर्थ मार्गदर्शन : नातेपुते से यह 5 कि.मी., बालचंद नगर से 13 कि.मी., अकलुच से 30 कि.मी. शिखर शिंगणापुर महादेव मंदिर से 20 कि.मी. दूर है। बारामती से यह 35 कि.मी. दूर है। पेढ़ी : पंढरपुर से 60 कि.मी. तथा सतारा से 130 कि.मी. दूर है। तीर्थ पर बस सेवा उपलब्ध है। श्री श्री महावीर स्वामी नातेपुते से बालचंदनगर जाने वाली बसें यहाँ रुकती हैं। प्रातः 6.30 बजे से सायं 6.00 बजे दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र तक बसों का आवागमन रहता है। निकटवर्ती स्टेशन पंढरपुर है। जहाँ से बस एवं टैक्सी दहीगाँव, वाया नातेपुते तालुका मालसिरस की सुविधाएँ हैं। जिला सोलापुर परिचय : यह तीर्थ अत्यंत प्राचीन है। यहाँ का विशाल, पत्थरों से निर्मित गुफा मन्दिर अत्यंत फोन : 02985-62582 Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrar151
SR No.002578
Book TitleJain Tirth Parichayika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year2004
Total Pages218
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Pilgrimage
File Size14 MB
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