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________________ गुजरात श्री मांडवी तीर्थ पेढ़ी : श्री मेघजी सोजपाल जैन आश्रम भुज रोड, मांडवी, कच्छ (गुजरात) 370465 फोन : (02834 ) 20880, 20046 130 Jain Education International 2010_03 जैन तीर्थ परिचायिका मुख्य जिनालय में मूलनायक विश्व वालेश्वर, त्रिलोकनाथ चरम तीर्थंकर श्री महावीर स्वामी विराजमान है। पद्मासन स्थित मूलनायक भगवान की प्रतिमा श्वेतवर्ण की है और 61 सेन्टीमीटर ऊँची है। प्रभु जी के चेहरे पर प्रेम करुणा और समभाव का सुंदर संगम दर्शकों को भावविभोर कर देता है। मूलनायक के रंगमंडप में शिलालेख पर भगवान श्री महावीर स्वामी के अधिष्ठाता देव देवियां श्री मातंगयक्ष तथा सिद्धिका देवी की देवकुलिकाएं हैं। रंगमंडप के धूम्मट पर प्रभु श्री नेमिनाथ भगवान की बारात के सुन्दर कलात्मक दृश्य अंकित है। जिनालय में पूजा मंडप रंगमंडप और रासमंडप देखने लायक है । भावना मंडप में श्री शत्रुंजय, श्री गिरनार, श्री सम्मेदशिखर, श्री अष्टापद और श्री नंदीश्वरद्वीप के बड़ेबड़े तीर्थ पट हैं। ऊपर के छत पर श्री पावापुरी, श्री चंपापुरी, श्री हस्तिनापुरी, श्री राजगृही और श्री त्रिशलादेवीमाता के चौदह स्वप्न के कलात्मक पांच पट अंकित है। ठहरने की व्यवस्था : यहाँ पर सुविधायुक्त धर्मशाला तथा भोजनशाला की सुविधा है। यात्रियों हेतु अटैच्ड बाथरूम, साधरण एवं किचनयुक्त कमरों की यहाँ सुविधा है। यहाँ भोजनशाला में निःशुल्क भोजन व्यवस्था है। एक से अधिक दिनों तक यहाँ रुकने पर अन्य दिनों के लिए नियत दर पर भोजन उपलब्ध होता है । संघो हेतु भी यहाँ विशेष सुविधाएं हैं। नोट : कच्छ की छोटी पंचतीर्थी में वडाला, मुन्द्रा, भुजपुर, मोटी खाखर, नानी खाखर, बीदड़ा, बहत्तर जिनालय और जैन आश्रम मांडवी आते हैं। भद्रेश्वर से इनकी दूरी निम्न है: वडाला 6 कि.मी., मुन्द्रा 27 कि.मी., भुजपुर 43 कि.मी., मोटी खाखर 48 कि.मी., नानी खाखर 43 कि.मी., बीदड़ा 60 कि.मी., बहत्तर जिनालय 65 कि.मी., जैन आश्रम 72 कि.मी. और मांडवी 75 कि.मी. दूरी पर है। कच्छ की मोटी पंचतीर्थी में सांघाण, सुथरी कोठारा, जखौ, नलीया, तेरा आदि तीर्थ आते हैं । भद्रेश्वर से इनकी दूरी निम्न है : लायजा 91 कि. मी., डुमरा 120 कि.मी., सांघाण 133 कि.मी., सुथरी 142 कि.मी., कोठारा 155 कि.मी., जखौ 187, नलीया 200 कि.मी., तेरा 213 कि.मी., भुज दादावाडी 300 कि.मी., अंजार 344 कि.मी. है। मूलनायक : श्री शान्तिनाथ भगवान । मार्गदर्शन : मांडवी कच्छ का प्रसिद्ध बंदरगाह है। यह भुज से 60 कि.मी. दूर स्थित है। कोडा यहाँ से लगभग 8 कि.मी. दूर स्थित है।.. परिचय : यहाँ पर श्री शान्तिनाथ भ., श्री महावीर स्वामी, श्री धर्मनाथ भ., श्री शीतलनाथ भ., श्री पार्श्वनाथ भ., श्री अजितनाथ भ. आदि मूलनायक हैं। कच्छ की छोटी पंचतीर्थी में यह तीर्थ गिना जाता है। भुज से यहाँ सीधे कोडाला होते हुए आया जा सकता है। दूसरे मार्ग से प्रागपर, मोटी खाखर- नानी खाखर विदडा कोडांयो आदि तीर्थों के दर्शन करते हुए मांडवी पहुँचा जा सकता है। ठहरने की व्यवस्था : यहाँ पर श्री मेघजी सोजपाल जैन आश्रम है । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002578
Book TitleJain Tirth Parichayika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year2004
Total Pages218
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Pilgrimage
File Size14 MB
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