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जैन तीर्थ परिचायिका
गुजरात मूलनायक : श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथ भगवान।
जिला कच्छ मार्गदर्शन : भुज कच्छ का प्रमुख शहर है। यह गाँधीधाम से नियमित बस सेवा द्वारा जुड़ा हुआ है
न श्री भुज तीर्थ है। गाँधीधाम से भुज 57 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। परिचय : यहाँ पर वाणियावाड विभाग में तीन शिखरयुक्त जिनमंदिर हैं। जिसमें से एक देरासर
में मूलनायक श्री आदेश्वर भगवान है। दूसरे मंदिर में श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथ तथा तीसरे मंदिर (खरतरगच्छीय) में मूलनायक श्री शान्तिनाथ भगवान है। शहर के बाहर दादावाड़ी
है। जिसमें जिनमन्दिर और दादागुरु के पगलिए हैं। ठहरने की व्यवस्था : यहाँ पर धर्मशाला तथा भोजनशाला है। दर्शनीय स्थल : अतीत में भुज कच्छ की राजधानी था। कच्छ थार रेगिस्तान का एक अंश है।
उत्तर में विस्तृत रेगिस्तान को पार करने के पश्चात् पाकिस्तान की सीमा आ जाती है। दूसरी
ओर समुद्र होने के कारण कच्छ के वातावरण में क्षारीय स्पर्श है। भुज शहर चारों ओर से दीवारों से घिरा हुआ है। कुछ समय पूर्व तक सूर्यास्त से सूर्योदय तक शहर के प्रवेशद्वार बंद रहते थे। शहर में कच्छ म्यूजियम दर्शनीय है। यह गजरात का प्राचीनतम म्यजियम है। बुधवार तथा द्वितीय शनिवार को यह बंद रहता है। अन्य दिन यह प्रात: 9-12.30 तथा दोपहर 3-5.30 तक खुला रहता है। भुज में आईना महल, महादेव गेट, लक्ष्मीनारायण मंदिर दर्शनीय हैं।
मूलनायक : श्री महावीर स्वामी, श्वेतवर्ण, पद्मासनस्थ। जुना मूलनायक जी श्यामला पार्श्वनाथ श्री भद्रेश्वर तीर्थ
भगवान। मार्गदर्शन : कच्छ प्रान्त के मुंद्रा तहसील में भद्रेश्वर स्थित है। गाँधीधाम शहर से यह स्थान पेढी:
35 कि.मी. तथा मुंद्रा से 27 कि.मी. दूरी पर है। यहाँ से भारत का सुप्रसिद्ध कांडला बंदरगाह सेठ वर्धमान कल्याणजी 45 कि.मी. दूर है। जहाँ से विदेशों के साथ बड़े पैमाने पर व्यापार चलता है। यहाँ से नानी ट्रस्ट वसई जैन तीर्थ मोठा पंचतीर्थी की परिक्रमा लेते हुए गाँधीधाम पहुँचते हुए कुल 370 कि.मी. दूरी है। म. पो. भद्रेश्वर, ता. मंद्रा गाँधीधाम रेल्वे स्टेशन पर सभी प्रांतों से गाड़ियों का आवागमन है। स्टेशन से बस, टैक्सी जिला कच्छ-370411 आदि सभी सुविधाएं है। गाँधीधाम से भद्रेश्वर के लिए एवं कच्छ की पंचतीर्थी के लिए भी
(गुजरात) टैक्सी सेवा उपलब्ध है। बसें तीर्थ के सामने ही रुकती हैं। मांडवी, मुंद्रा गाँधीधाम, फोन : 02838-83361 अहमदाबाद, मुंबई सभी स्थानों से इस तीर्थ के लिए बस सेवा है। मुंबई, भुज, गाँधीधाम
और मांडवी के मध्य डीलक्स लक्जरी बस सेवा उपलब्ध है। परिचय : कच्छ की अपनी प्राचीन संस्कृति अपने में एक अनोखा स्थान रखती है। भारत देश
के पश्चिम की ओर समुद्र के किनारे गुजरात राज्य में कच्छ एक विभिन्न भौगोलिक स्थिति लिए हुए है। कच्छ जिले में स्थित मुन्द्रा नामक तालुके में श्री वसई भद्रेश्वर नाम का एक अति प्राचीन तीर्थ स्थान अपनी दिव्य कला कति के लिए जाना जाता है। भद्रेश्वर का पुराना नाम भद्रावती नगरी था जो अपने समय में अति समृद्ध थी। भारत में श्री सम्मेदशिखर तथा श्री शत्रुजय जैसे शाश्वत महातीर्थ के पश्चात् इस भद्रेश्वर तीर्थ का तीसरा स्थान है। कच्छ के धर्म-स्थानों में यह तीर्थ अति प्राचीन है। 2500 वर्ष पुराना यह तीर्थ मन्दिर अति भव्य है। इनका गगनचुम्बी शिखर देव विमान जैसी अनुपम कलाकृति और परम पवित्र सुंदर जिनालय दर्शकों को मुग्ध कर देते हैं।
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