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________________ | गुजरात पेढी: जैन तीर्थ परिचायिका || मूलनायक : श्री चंद्रप्रभु भगवान, श्वेतवर्ण, पद्मासनस्थ । श्री प्रभासपाटण मार्गदर्शन : यहाँ से वेरावल रेल्वे स्टेशन 7 कि.मी. दूरी पर है। प्रभासपाटण से जूनागढ़ जाते तीर्थ/सोमनाथ तीर्थ समय 1 कि.मी. दूरी पर वनथली गाँव में प्राचीन जैन मंदिर हैं, वहाँ की प्रभु प्रतिमा विशाल है। प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थ सोमनाथ यहीं पर है। सोमनाथ से दीव 84 कि.मी. गिरनार 90 कि.मी. श्री प्रभासपाटण जैन श्वे. दूर स्थित है। यहाँ से ऊना 81 कि.मी. दूर पड़ता है। रेलमार्ग से सोमनाथ वेरावल स्टेशन मू. संघ से पहँचा जाता है। वेरावल जं. से सोमनाथ मन्दिर की दूरी 6 कि.मी. है। स्टेशन से बस जैन देरासर की खडकी. ऑटोरिक्शा आदि साधन उपलब्ध रहते हैं। प्रमुख हिन्दू तीर्थ सोमनाथ जी यहीं है। यहाँ प्रभासपाटण, गुजरात के सभी प्रमुख नगरों से बसों का आवागमन रहता है। जि. जूनागढ़-362 268 परिचय : ई. सं. 1025 में मोहम्मद गजनवी ने यहाँ का शिवलिंग खंडित किया था, बाद में यहाँ (गुजरात) फोन : (02876) 31638 फिर नया मंदिर बनवाया गया। इस मंदिर से लगभग चार सौ मीटर दूरी पर श्री प्रभासपाटण तीर्थ है। ऐसा कहा जाता है कि इस तीर्थ की स्थापना चक्रवर्ती भरत राजा ने की। यहाँ के मंदिर के नौ गर्भगृहों में प्रभु प्रतिमाएँ हैं। इस मंदिर के विशाल सभा मंडप में कलात्मक शिल्पकला की गयी है। यहाँ पर और चार जिनमंदिर हैं। सोमनाथ मन्दिरों का शहर है। यह अरब सागर के तट पर बसा एक अत्यन्त रमणीक तीर्थ है। एक पौराणिक कथानुसार सोम (चंद्रदेव) प्रजापति के शाप से निष्प्रभ हो गये थे। तब दक्ष के परामर्श से इस संगम में स्नान कर शिव आराधना कर शिव को प्रसन्न कर शाप मुक्त हए। शिव के आशीर्वाद से चन्द्रमा पुनः आलोकित हए उसी समय इस जगह का नाम प्रभास पाटन पड़ा। ब्रह्मा के निर्देशानुसार तब सोमनाथ मन्दिर की स्थापना भी चंद्रमा ने की। यहाँ पर महामेरु, पुरातन मंदिर, परशुराम तपोभूमि, सूर्य मंदिर, गीता भवन, शारदा आदि अनेक पावन स्थल हैं। सोमनाथ वेरावल मार्ग में भालुका में भालुका तीर्थ मन्दिर भी दर्शनीय है। ठहरने की व्यवस्था : धर्मशाला उपलब्ध है। भोजन की व्यवस्था है। सोमनाथ मन्दिर के निकट श्री सोमनाथ टैम्पल ट्रस्ट द्वारा 100 से अधिक कमरों वाली धर्मशाला है। मन्दिर के निकट अनेकों गेस्ट हाउस हैं तथा भोजनालय भी हैं। श्री ऊना तीर्थ मूलनायक : श्री आदिनाथ भगवान, बादामी वर्ण, पद्मासनस्थ। मार्गदर्शन : महुआ से 56 कि.मी. दूर स्थित ऊना स्टेशन से मंदिर 1 कि.मी. दूरी पर स्थित है। ऊना से गुजरात के विभिन्न स्थानों के लिए अनवरत बस सेवा है। परिचय : यह तीर्थ संप्रति राजा के समय का है। मंदिर के तलघर में श्री आदिनाथ भगवान की विशाल प्रतिमा दर्शनीय है। यहाँ और पाँच सुन्दर दर्शनीय मंदिर हैं। ठहरने की व्यवस्था : धर्मशाला है, लेकिन भोजनशाला नहीं है। पेढ़ी: श्री अजाहरा पार्श्वनाथ पंचतीर्थी जैन कारखाना पेढी मु. पो. ऊना, जि. जूनागढ़ (गुजरात) 127 Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002578
Book TitleJain Tirth Parichayika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year2004
Total Pages218
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Pilgrimage
File Size14 MB
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