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जैन तीर्थ परिचायिका
बेट द्वारका
द्वारका से 32 कि.मी. दूर स्थित ओखा पश्चिम भारत का अन्तिम भूक्षेत्र है। शहर में यहाँ प्रवेश करने पर, फेरीघाट है जहाँ से नाव द्वारा 5 कि.मी. का रास्ता तय कर बेट द्वारका पहुँचा जा सकता है। यहाँ अत्यन्त सुन्दर भव्य द्वारकाधीश का मन्दिर है । इससे 1 कि.मी. दूरी पर है शंख तालाब, कृष्ण मन्दिर भी अत्यन्त दर्शनीय है । यहाँ के लोगों का विश्वास है कि श्री कृष्ण अपने परिजनों के साथ यहाँ रहते थे ।
मूलनायक : श्री नेमिनाथ भ., श्यामवर्ण, पद्मासनस्थ ।
मार्गदर्शन : यह तीर्थ शत्रुंजय ( पालीताना) तीर्थस्थान से लगभग 231 कि.मी., तथा रोजकोट
से 107 कि.मी. दूरी पर स्थित । पालीताना से सिहोर, धोला, ढसा, जेतलसर इस रेलमार्ग से जूनागढ़ जा सकते हैं। अपनी बस द्वारा जाने वाले यात्रीगण तलाजा, दाठा, महुआ, अहरा, ऊना, दीव, चंद्रप्रभास पाटण सासन गिर इन स्थानों की यात्रा करते हुये गिरनार जा सकते हैं। यह स्थान जूनागढ़ शहर के पास है। जूनागढ़ शहर से गिरनार तलहटी 6 कि.मी. है। जूनागढ़ से टैक्सी, ऑटोरिक्शा आदि उपलब्ध रहते हैं । यहाँ से वनथली 15 कि.मी., सक्करबाग 5 कि.मी., सोमनाथ 100 कि.मी., अजारा पार्श्वनाथ 200 कि.मी. है। जूनागढ़ के लिए अहमदाबाद, सोमनाथ, राजकोट, सासनगिरि, वेरावल सभी स्थानों से ट्रेनों की सुविधा है। पालीताना, सोमनाथ, ऊना, दीव के लिए जूनागढ़ से प्रत्येक घन्टे बस सेवा उपलब्ध । शहर मैं टैक्सी, ऑटोरिक्शा तथा तांगा की सुविधा है।
परिचय : सौराष्ट्र में श्री शत्रुंजय तीर्थ की तरह श्री गिरनार तीर्थ का भी बहुत बड़ा महत्त्व है। यह तीर्थस्थान सुन्दर सुरम्य नैसर्गिक वातावरण से घिरा हुआ है। इस स्थान पर भगवान नेमिनाथ की दीक्षा, केवलज्ञान, मोक्ष यह तीन कल्याणक सम्पन्न हुए । यहीं पर रथनेमि, राजीमती तथा अन्य कईयों को मोक्ष प्राप्ति हुई।
यह तीर्थस्थान 1118 मीटर ऊँचाई पर स्थित है। तलहटी से लगभग 4200 सीढ़ियाँ लगभग (4000 फीट) चढ़ने पर यहाँ की प्रमुख नेमिनाथ भगवान की ट्रॅक आती है। देरासर तक सीढ़ियाँ गयी हैं। यात्रीगण की सुविधा के लिये यहाँ पर सीढ़ियाँ बनी हुई हैं। रास्ते में जगहजगह विश्राम स्थान तथा पानी की व्यवस्था की गई है। इस चढ़ाई में तलहटी से लगभग 2.30 घन्टे लग जाते हैं। इस पहाड़ पर पैदल चढ़ने में असमर्थ यात्रियों हेतु डोली की सुविधा है। यहाँ पहाड़ की 5 चोटियों पर 5 मन्दिर हैं। पूजा का समय प्रातः 9.30 बजे है। दिगम्बर समाज द्वारा पूजा 7 से 9 बजे तक की जाती है ।
श्री नेमिनाथ भव्य मंदिर : पहले यह मंदिर लकड़ी का बना हुआ था। बाद में यह जीर्ण होने के कारण विक्रम संवत् 609 में काश्मीर के धर्मनिष्ठ श्रावक अजितशाह और रत्नाशाह ने उसका जीर्णोद्धार किया। 12वीं शताब्दी में फिर इसका जीर्णोद्धार हुआ ।
कुमारपाल महाराज की टँक : गुजरात के महाराज कुमारपाल ने कलिकाल सर्वज्ञ श्री हेमचंद्राचार्य की प्रेरणा से 1444 मंदिरों का निर्माण कराया। इस तीर्थ पर भी उन्होंने कलापूर्ण जिनालय बनाया है। इस मंदिर का जीर्णोद्धार मागरोल निवासी सेठ धर्मजी हेमचंद ने किया ।
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गुजरात
जिला जूनागढ़
श्री गिरनारजी तीर्थ ( जूनागढ़ )
पेढ़ी :
1. श्री वन्दीलाल दिगम्बर जैन धर्मशाला नेमीनाथ चौक,
जूनागढ़ - 362001 फोन: 0285-654108; 621519 (तलहटी)
2. सेठ देवचंद लक्ष्मीचंद पेढी
जगमाल चौक, अपरकोट रोड,
मु. पो. जुनागढ़ (गुजरात)
फोन: 0285-650179 (जूनागढ़ मुख्य ऑफिस), 620059 ( तलहटी), 624309 ( गिरनार जी )
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