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________________ गुजरात जैन तीर्थ परिचायिका श्री अद्भुतजी : इस पहाड़ पर आदीश्वर भगवान की 18 फुट ऊँची और 14 फुट चौड़ी पद्मासन में एक विशाल मूर्ति है। यह मूर्ति पहाड़ के पत्थर में से खुदवाकर बनायी है। घेटी की पाग : पालीताना शहर के पश्चिम दिशा में पहाड़ के तलहटी में श्री आदिनाथ भगवान की पादुका का मंदिर है। साथ ही अन्य तीर्थंकरों के पगलियाँ यहाँ पर हैं। यहाँ की यात्रा करने से शत्रंजय की दो यात्रा हयी माना जाता है। यहाँ से नजदीक ही शत्रुजय नदी बहती है। समवसरण मंदिर : तलहटी से थोड़ा आगे चढ़ने पर भव्य समवसरण मंदिर दिखाई देता है। इसका निर्माण अभी कुछ वर्ष पहले हुआ है। तीर्थंकर जिस समय उपदेश देते हैं, उस समय तीन गढ़ों की रचना की जाती हैं। गढ़ के ऊपर सिंहासन पर बैठकर तीर्थंकर उपदेश देते हैं और उनके मस्तक पर छत्री रहती है। वही दृश्य इस मंदिर में बताया गया है। इस मंदिर की ऊँचाई 108 फुट है, मंदिर के बीचोंबीच 42 फुट ऊँचा तथा 70 फुट चौड़ा गोलाकार घुमट है। इस मंदिर की विशिष्टता यह है कि यहाँ पर भारत के प्रसिद्ध 108 जैन तीर्थस्थानों का दर्शन होता है। इस मंदिर की रचना देखकर ऐसा लगता है मानो कोई देव विमान पृथ्वी पर उतरा हो। श्री विशाल जैन कला संस्थान : आचार्य श्री विशालसेन सरी जी म. की प्रेरणा से यहाँ पर "श्री पीयूषपाणि स्थापत्य संग्रहालय" नाम से एक भव्य जैन म्युजियम तलहटी के पास निर्मित है। यहाँ पर प्राचीन जैन मूर्तियाँ, कलाकृति, हस्तलिखित ग्रंथ आदि संग्रह किया गया है। ठहरने की व्यवस्था : पालीताना प्रमुख तीर्थ होने के कारण यहाँ अनेकों धर्मशालाएं हैं। जिसमें अनेकों सुविधाएं उपलब्ध हैं। पालिताना की धर्मशालाएँ एवं उनके फोन नम्बर पालिताना का एस.टी.डी. नम्बर 02848 है। 1. मंडार भवन 22. राजेन्द्र विहार दादावाडी 2248 2. खुशाल भवन 2873 23. गिरीविहार 2258 3. सुराणी भवन 2631 24. धनसुख विहार 2261 4. हरिविहार 2653 25. सौ धर्म निवास 2333 5. कोटावाली 2662 26. सांडेराव भवन 2344 6. तखतगढ़ मंगल भवन 2167 27. प्रकाश भवन 2348 7. साबरमती 2709 28. घंटाकर्ण जैन पेढ़ी 2413 8. खीवान्द्री मंगल भवन 2810 29. बंगलोर आराधना भवन 2389 9. जैन आराधना भवन 2135 30. भक्ति विहार 2515 10. कच्छी भवन 2137 31. हिम्मत विहार 2549 11. पंजाबी धर्मशाला 2141 32. दिगंबर जैन धर्मशाला 2547 12. पुरबाई 2145 33. आनंद भवन 2562 13. आरीसा भवन 2157 34. डिसावाला 2569 14. केशवजी नायक 2647 35. लुंकड भवन 2609 15. नरशीनाथा 2186 36. प्रेम विहार 2930 16. महाराष्ट्र भवन 2193 37. संघवी विहार 2784 17. जीवन निवास 2197 38. ब्रह्मचारी आश्रम 2248 18. राजेन्द्र भवन 2206 39. हिरा शांता 3256 19. केशरीयाजी 2213 40. पन्ना रूपा 2391 20. यतिन्द्र भवन 2237 41. सादड़ी भवन 3296 21. ओसवाल यात्रिक गृह 2240 42. सेठ आनंदजी कल्याणजी पेढी 2148, 2853 561 पालीताना की उल्लेखनीय वस्तु है हारमोनियम बनाने का उद्योग । 120 JIYEucation International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002578
Book TitleJain Tirth Parichayika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year2004
Total Pages218
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Pilgrimage
File Size14 MB
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