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________________ गुजरात श्री सरखेज तीर्थ जैन तीर्थ परिचायिका अहमदाबाद से 8 कि.मी. दूर सरखेज गाँव में यह तीर्थ स्थित है। यहाँ मूलनायक श्री वासुपूज्य स्वामी हैं। यहाँ पर श्री पद्मावती माँ, श्री चक्रेश्वरी देवी की भव्य प्रतिमाएँ प्रतिष्ठित की गयी हैं। जो अत्यंत चमत्कारिक हैं। यह तीर्थ अति दर्शनीय है। यहाँ पर उपाश्रय एवं धर्मशाला की सुविधा उपलब्ध है। श्री भोयणी तीर्थ पेढ़ी : श्री मल्लीनाथ महाराज कारखाना पेढी मु. पो. भोयणी, ता. वीरमगाँव, जि. अहमदाबाद-382 145 (गुजरात) फोन : (02715) 50204 मूलनायक : श्री मल्लीनाथ भगवान, श्वेतवर्ण, पद्मासनस्थ। मार्गदर्शन : भोयणी रेल्वे स्टेशन अहमदाबाद-पाटण रेल मार्ग पर कडी एवं बेचराजी के मध्य कडी से 8 कि.मी. दूर स्थित है। स्टेशन से रिक्शा का साधन उपलब्ध है। यहाँ राज्य परिवहन की बसों का आवागमन रहता है। अहमदाबाद से कलोल-कडी होते हुए भोयणी 62 कि.मी. दूर है। यहाँ से मेहसाणा की ओर जाने के लिए प्रातः 8 से दोपहर 3.00 बजे तक, वीरमगांम के लिए प्रात: 9 से सायं 6.30 बजे तक दिन में 5 बार बसें मिलती हैं। भोयणी तीर्थ से रणतेज (52 जिनालय) 22 कि.मी. दूर है। परिचय : यह एक प्राचीन तीर्थ है। प्रभु प्रतिमा अत्यन्त सुन्दर एवं मनोहारी है। भव्यतम मंदिर की दीवारों पर कारीगिरी दर्शनीय है। मंदिर में सात गर्भगृह हैं। यहाँ प्रतिवर्ष माघ शुक्ला 10 को मेला लगता है। पूजा का समय प्रात: 9.30 बजे से सायं 5 बजे तक है। ठहरने की व्यवस्था : यहाँ पर विशाल धर्मशाला तथा भोजनशाला है। भाता की व्यवस्था है। श्री धोलका तीर्थ मूलनायक : श्री कलिकुंड पार्श्वनाथ भगवान, श्वेतवर्ण, पद्मासनस्थ। (कलिकुंड तीर्थ) मार्गदर्शन : यह तीर्थस्थान धोलका रेल्वे स्टेशन से एक किलोमीटर दूरी पर है। अहमदाबाद पालीताणा के रास्ते पर यह तीर्थ है। अहमदाबाद से 40 कि.मी. दूर है। अहमदाबाद से पेढ़ी : कलिकुंड तीर्थ के लिए यहाँ से नियमित बस सेवा है। पालीताना से यही तीर्थ 190 कि.मी. श्री वस्तुपाल तेजपाल दूर पड़ता है। वल्लभीपुर यहाँ से 110 कि.मी. दूर है। चैरिटेबल ट्रस्ट भालापोल, परिचय : युगप्रधान दादा जिनदत्तसूरि जी म. का जन्म विक्रम संवत् 1132 में यहीं पर हुआ। मु. पो. धोलका, उन्होंने हजारों अजैनों को उपदेश देकर जैन धर्म की दीक्षा दी और धर्म प्रचार का विशेष जिला अहमदाबाद कार्य किया। गुजरात के महाराणा वीरधवल ने विक्रम संवत् 1276 में वस्तुपाल और तेजपाल (गुजरात) दोनों भाईयों को मंत्री पद पर नियुक्त किया था। उन्होंने तथा महामंत्री पेथडशाह ने यहाँ फोन : (02714) 23738 जिनमंदिरों का निर्माण करवाया। इन दिनों यहाँ पर विशाल नये मंदिर का काम हो रहा ठहरने की व्यवस्था : मंदिर के पास ही सभी सुविधायुक्त विशाल धर्मशाला तथा भोजनशाला 112 Jain Eucation International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002578
Book TitleJain Tirth Parichayika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year2004
Total Pages218
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Pilgrimage
File Size14 MB
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