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जैन तीर्थ परिचायिका
राजस्थान राजस्थान के इस प्रमुख पर्यटन स्थल पर राणकपुर, केशरियाजी आदि स्थानों की यात्रा करने वाले उदयपर
अवश्य आते हैं। मनभावन झीलें, संगमरमरी महल, सुन्दर उद्यान और प्राकृतिक छटाओं की स्थान नगरी है। उदयपुर यहाँ पर कई झीलें, सुन्दर राजमहल, बगीचे आदि प्रेक्षणीय स्थान पढ़ा
MP पेढ़ी : हैं। यहाँ की पिछोला झील बहत बड़े घेरे में फैली हुई है। इस झील के भीतर जगमंदिर 1. श्री जन श्वेताम्बर तथा लेक पैलेस यह दो राजमहल हैं। इसी किनारे पर महाराणा पैलेस है, जो राजस्थान का
महासभा धर्मसभा सबसे बड़ा राजमहल है।
हाथी पोल के बाहर, यहाँ के महाराणा के शीत ऋतु के निवास 'सिटी पैलेस' की मनोरमी छटा अत्यन्त
उदयपुर (राजस्थान) मनलुभावन है। पिछोला झील के पूर्वी तट पर ग्रेनाइट पत्थरों से निर्मित यह राजस्थान का
फोन : (0294) बृहत्तम प्रासाद पर्यटकों को बाँध सा लेता है। भीतर के महलों की कारीगरी अत्यन्त
420462 कलात्मक है। सिटी पैलेस में ही म्यूजियम भी बनाया गया है। इसी के एक भाग में होटल 2. श्री तारक गरु जैन शिव विलास पैलेस बनाया गया है। सुबह 9.30 से सायं 4.30 बडे तक यह पैलेसे-पर्यटकों
ग्रंथालय हेतु खुला रहता है। पैलेस के उत्तर में जगदीश मन्दिर भी दर्शनीय है।
शास्त्री सर्कल, उदयपुर सिटी पैलेस मार्ग में सज्जन निवास (गुलाब बाग) है। इस बगीचे में म्यूजियम एवं
3. राष्ट्रसंत श्री गणेश मुनि चिड़ियाघर है। बच्चों के मनोरंजन के लिए मिनी ट्रेन है।
शास्त्री सिटी पैलेस जेटी से दिन भर बोटिंग की व्यवस्था रहती है। पिछोला झील में महाराणा जगत
अमर जैन संस्थान, सिंह ने अपना ग्रीष्मकालीन निवास जगनिवास पैलेस का निर्माण कराया था। पीछे पहाड़
गणेश विहार और चारों ओर विशाल जल राशि से इसकी छटा अनुपम हो उठी है। जगनिवास के सामने
सेक्टर नं. 1, उदयपुर तीन मंजिला प्रासाद जगमन्दिर पैलेस बना है। इसमें काँच की कलाकृति अद्वितीय है।
फोन : (0294) पिछोला झील के उत्तर में एक और कृत्रिम झील फतह सागर है। फतह सागर में जलविहार
583741 की व्यवस्था भी है। निकट ही एक ओर प्रासाद तथा अतिथि निवास विलास है। पर्यटकों का रमणीय उद्यान नेहरू पार्क फतह सागर में है। मोती मगरी पहाड़ पर सुन्दर प्राकृतिक परिवेश में प्रताप स्मारक बना है। जो प्रातः 9.00 से सायं 6.00 बजे तक खुला रहता है। फतह सागर के पूर्वी तट पर बाँध के नीचे एक अनुपम उद्यान सहेलियों की बाड़ी है। फतह सागर के पूर्वी तट पर बाँध के नीचे तक और अभिनव उद्यान सहेलियों की बाड़ी है। सहेलियों की बाड़ी में कई आकर्षक फव्वारे हैं। बगीचा प्रात: 9.00 से 6.00 बजे तक खुला रहता है। आचार्य श्री देवेन्द्र मुनि जी म. को आचार्यपद चादर अर्पण समारोह यहीं पर हुआ था। यहाँ पर शास्त्री सर्कल के निकट "श्री तारकगुरु जैन ग्रंथालय" है, इस संस्था द्वारा जैन धर्मग्रंथ तथा आचार्य श्री देवेन्द्र मुनि जी म. के साहित्य का प्रकाशन होता है। यहाँ साथ ही अ. भा. गुरु गणेश समिति का अमर साहित्य संस्थान भी जैन साहित्य प्रकाशन का कार्य करता है। सुखाड़िया सर्किल में फव्वारा भी देखने योग्य है उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि जी म. की समाधि है। ठहरने के लिये श्री पद्मप्रभु भ. मंदिर के पास जैन धर्मशाला है। हाथीपोल में भी धर्मशाला है।
उदयपुर से 53 कि.मी. दूर जयसमन्द झील एशिया की द्वितीय बृहत्तम झील है। झील के तट पर जय समन्द
पैलेस बना है। झील से 8 कि.मी. दूर 45 वर्ग कि.मी. में फैले अभयारण्य में देश-विदेश के पशु-पक्षी देखे जा सकते हैं । ठहरने के लिए झील के तट पर राजस्थान टूरिज्म का होटल जयसमन्द है।
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