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________________ जैन तीर्थ परिचायिका मूलनायक : श्री महावीर स्वामी भगवान, श्वेतवर्ण । मार्गदर्शन : रेवदर मंडार मार्ग पर स्थित यह तीर्थ मंडार से 10 कि.मी. तथा रेवदर से 6 कि.मी. तथा जीरावला से 7 कि.मी. दूरी पर है। परिचय : यह तीर्थस्थान 800 वर्ष से भी अधिक प्राचीन है। बाद में नया मंदिर बनवाकर उसमें पुराने मंदिर के शिल्पकला के प्राचीन नमूने लगाये गये । यहाँ से कुछ दूरी पर 1300 वर्ष पुराना सूर्य मंदिर है, जो सारे भारत में विख्यात है। ठहरने की व्यवस्था : यहाँ पर धर्मशाला एवं भोजनशाला है। मूलनायक : श्री महावीर स्वामी भगवान, श्वेतवर्ण । मार्गदर्शन : यह स्थान आबू रोड से 42 कि.मी. दूरी पर है। यहाँ रेवदर होते हुए आ सकते हैं । आबू रोड से रेवदर 26 कि.मी. तथा वहाँ से मंडार 16 कि.मी. दूर स्थित है। परिचय : यह एक प्राचीन तीर्थस्थान है। मूलनायक श्री महावीर स्वामी की प्रभु प्रतिमा सुन्दर है । यहाँ पर खुदाई करने पर श्री पार्श्वनाथ भ. तथा श्री विमलनाथ भ. की कार्योत्सर्ग मुद्रा में प्रतिमाएँ मिलीं, वे भी दर्शनीय हैं। ठहरने की व्यवस्था : ठहरने के लिए उपाश्रय है । आयंबिल शाला है । मूलनायक : श्री चन्द्र प्रभु भगवान । मार्गदर्शन : टोंक से 3 कि.मी. दूर टोंक -देवली राजमार्ग पर यह तीर्थ स्थित है। परिचय : चन्द्रपुरी नामक विख्यात इस अतिशय क्षेत्र में भगवान चन्द्रप्रभु की अति चमत्कारिक प्रतिमा स्थापित है । ठहरने की व्यवस्था - जानकारी उपलब्ध नहीं । परिचय : अरावली पर्वत श्रृंखला से तीन ओर से घिरी पर्वतमालाओं एवं सघन वन से आच्छादित सुन्दर सुरम्य प्राकृतिक वातावरण में स्थित यह अतिशय क्षेत्र मन को शान्ति और प्रसन्नता प्रदान करता है । शान्तिनाथ जिनालय में भगवान शान्तिनाथ की भव्य चमत्कारिक प्रतिमा के दर्शन कर मन मुग्ध हो उठता है । कहावत है इनके दर्शन से मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं । 1 मार्गदर्शन : जयपुर से फागी, डिग्गी होते हुए मालपुरा तीर्थ पहुँचा जा सकता है। जयपुर से 46 कि.मी. फागी तथा वहाँ से 30 कि.मी. तथा डिग्गी से 15 कि.मी. दूर मालपुरा स्थित है। अजमेर से जयपुर आते समय दूदू होकर मालपुरा दर्शन कर जयपुर जाया जा सकता अजमेर से दूदू 70 कि.मी. दूर स्थित है। दूदू से मालपुरा लगभग 60 कि.मी. दूर है। अजमेर • से किशनगढ़ 26 कि.मी. है। किशनगढ़ से एक छोटा मार्ग भी मालपुरा की ओर जाता है। किशनगढ़ से अरेन 20 कि.मी. अरेन से लाम्बा हरीसिंह 21 कि.मी. तथा वहाँ से मालपुरा 20 कि.मी. पड़ता है। जयपुर हवाई अड्डे से सांगानेर होते हुए डिग्गी मालपुरा रोड जाता है । 1 Jain Education International 2010_03 राजस्थान श्री वरमाण तीर्थ For Private & Personal Use Only पेढ़ी : श्री वर्धमान जैन तीर्थ मु. पो. वरमाण, ता. रेवदर, जि. सिरोही (राजस्थान) मूलनायक : भगवान शान्तिनाथ, पदमासनस्थ । आंवा मार्गदर्शन : टोंक से 49 कि.मी. दूर टोंक -देवली मार्ग पर यह क्षेत्र स्थित है। जयपुर से टोंक ( अतिशय क्षेत्र ) 96 कि.मी. दूर स्थित है। श्री मंडार तीर्थ पेढ़ी : श्री पंच महाजन जैन धार्मिक ट्रस्ट मु. पो. मंडार, रोड वाया आबू जि. सिरोही (राजस्थान) जिला टोंक मेहन्दवास ( अतिशय क्षेत्र ) मालपुरा पेढ़ी : श्री जिनकुशल गुरुदेव दाव मालपुरा (जिला टोंक) फोन : 0143724243 www.jainelibrary107
SR No.002578
Book TitleJain Tirth Parichayika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year2004
Total Pages218
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Pilgrimage
File Size14 MB
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