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जैन तीर्थ परिचायिका
राजस्थान मल नायक: श्री शान्तिनाथ भगवान।
श्री सिवेरा तीर्थ मार्गदर्शन : यह तीर्थ सिरोही रोड रेल्वे स्टेशन से 8 कि.मी. तथा केशवगंज रेलवे स्टेशन से
2 कि.मी. दूर स्थित है। यहाँ से झाडोली तीर्थ 5 कि.मी. तथा चामुन्डेरी 12 कि.मी. है जहाँ पेढ़ी : से टैक्सी, बस, रिक्शा आदि की सुविधा है। दिन में 4 बार यहाँ बसों का आवागमन होता है। तीर्थ पर भी बस टैक्सी आदि सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
पेढ़ी परिचय : सिवेरा गाँव के मध्य स्थित इस मन्दिर की निर्माण शैली निराले ढंग की है। प्रभु प्रतिमा
गाँव-सिवेरा, डा.-झाड़ोली,
रेल्वे स्टेशन-सिरोही रोड, की कला अति आकर्षक है। पूजा का समय प्रात: 8 से 12 बजे तक है।
जिला-सिरोही (राज.) ठहरने की सुविधा : ठहरने के लिए छोटी सी धर्मशाला है। भोजनशाला नहीं है।
फोन : 02971-33023
मूलनायक : श्री शान्तिनाथ भगवान, श्वेतवर्ण।
श्री वाटेरा तीर्थ मार्गदर्शन : जालोर रेल्वे स्टेशन से यह स्थान 56 कि.मी. दूरी पर है।
पेढी: परिचय : यह तीर्थस्थान प्राचीन होने के साथ-साथ चमत्कारिक है। यहाँ प्रतिवर्ष चैत्र शु. 13 श्री समस्त जैन संघनी पेढी
से 15 तक. कार्तिक पर्णिमा को बड़ा मेला लगता है। यह तीर्थ एकान्त जंगल में, विशाल म. पो. वाटेरा, ता. पिंडवाडा परकोटे में स्थित है। मंदिर के आहते में धर्मशाला है।
जिला सिरोही (राजस्थान)
श्री अजारी तीर्थ
मूलनायक : श्री महावीर स्वामी भगवान। मार्गदर्शन : सिरोही रोड रेल्वे स्टेशन से 5 कि.मी. तथा बामणवाडजी तीर्थ से 12 कि.मी. दूरी
पर यह स्थान है। परिचय : यहाँ का बावन जिनालय मंदिर अति दर्शनीय है। कलिकाल सर्वज्ञ श्री हेमचंद्राचार्य ने
इस गाँव के निकट मंदिर में सरस्वती देवी की आराधना की थी, तब देवी ने साक्षात उन्हें दर्शन दिये थे, ऐसा कहा जाता है। सरस्वती देवी का यह मंदिर यहाँ से डेढ़ कि.मी. दूरी पर है। इस तीर्थस्थान की सभी प्रभु प्रतिमाएँ महाराजा संप्रतिकालीन मानी जाती हैं। आबू के योगीराज श्री विजयशान्तिसूरी जी म. ने यहाँ के निकट जंगलों में कठिन तपश्चर्या की थी। ठहरने के लिए धर्मशाला है।
पेढ़ी : सेठ कल्याणजी सोभागचंदजी जैन पेढी मु. पो. अजारी, जि. सिरोही (राजस्थान)
मूलनायक : श्री महावीर स्वामी भगवान, लालवर्ण।
श्री बामणवाडजी मार्गदर्शन : यह तीर्थस्थान सिरोही रोड से 7 कि.मी. तथा पिंडवाडा गाँव से 8 कि.मी. दूरी पर
है। यहाँ से अजारी 12 कि.मी. तथा सिवेरा 10 कि.मी. दूर है। आबू रोड से सिरोही जाने वाली बसें बामणवाडजी होकर जाती हैं। स्टेशन सिरोही रोड से टैक्सी, बस. रिक्शा आदि पेढ़ी : साधन उपलब्ध रहते हैं।
श्री कल्याणजी परमानंदजी
पेढी परिचय : ऐसा कहा जाता है कि भगवान महावीर के कानों में कीलें ठोकने का उपसर्ग यहीं पर
श्री बामणवाडजी तीर्थ, हुआ था। यहाँ पर प्रभु की चरण पादुकाएँ हैं। मंदिर में भगवान महावीर के 27 भव के पट्ट
मु. पो. वीरवाडा संगमरमर पत्थरों पर बनवाकर लगाये हैं। आचार्य श्री नागार्जुनसूरी जी, श्री स्कन्दनसूरी जी,
जिला सिरोही (राजस्थान) श्री पादलिप्तसूरी जी एवं राजा संप्रति यहाँ पर नियमित रूप से दर्शनार्थ आते थे। इस तीर्थ
फोन : 02971-20056 पर श्रद्धा एवं भक्ति के कारण सिरोही के राजा शिवसिंह को राजगद्दी मिली। इसलिए Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only
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