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________________ राजस्थान जिला सीकर सीकर | जैन तीर्थ परिचायिका सीकर में अनेक भव्य जैन मन्दिर हैं। इनमें विराजमान प्रतिमाएँ प्राचीन काल से ही आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। यहीं पर महान् तपोनिधि दिगम्बर जैनाचार्य शान्ति सागर जी महाराज के । तृतीय पट्टाधीश आचार्य धर्मसागर जी महाराज का समाधिमरण हआ था। सीकर जिले में सीकर-जयपुर मार्ग पर रींगस से 18 कि.मी. दूर खाटू श्याम जी का मन्दिर अत्यन्त मान्यतापूर्ण एवं दर्शनीय है। जिला सिरोही श्री सिरोही तीर्थ पेढी: श्री अंचलगच्छ आदेश्वरजी जैन टेम्पल पेढी, पैलेस रोड, सिरोही (राजस्थान)-307 001 फोन : (02972) 30269 मूलनायक : श्री आदीश्वर भगवान, श्वेतवर्ण । मार्गदर्शन : सिरोही रोड रेल्वे स्टेशन से तीर्थ 23 कि.मी. दूर सिरोही शहर में स्थित है। यहाँ से जावाल 13 कि.मी. तथा गोहिली तीर्थ 3 कि.मी. दूर है। स्टेशन से तीर्थ के लिए बस व टैक्सी की सुविधा है। रोडवेज की बसें हर समय उपलब्ध रहती हैं। तीर्थ पर टैक्सी आदि की पूर्ण सुविधा है। यहाँ से श्री सारणेश्वर जी (महादेव मन्दिर) 4 कि.मी., श्री आम्बेश्वर महादेव मन्दिर व जैन मन्दिर कोलर 10 कि.मी. दूर है। यहाँ से बामनवाड़ जी 15 कि.मी., मीरपुर 20 कि.मी., जीरावला 60 कि.मी., देलवाड़ा (माउण्ट आबू) 85 कि.मी. दूर हैं। परिचय : विक्रम संवत् 1339 में इस तीर्थ की स्थापना हुई है। यहाँ पूजा का समय प्रातः 6 से 11 बजे तक है। श्री आदीश्वर भगवान मंदिर के अलावा यहाँ अन्य 17 मंदिर हैं। पर्वतों की छाया में एक साथ ही मंदिरों के शिखर समूह का दृश्य अत्यन्त मनोहारी दिखता है। श्री आदिनाथ भगवान के बावन जिनालय में मूलनायक भगवान की प्रतिमा की शिल्पकला अत्यन्त सन्दर है। मर्ति पर मोती का विलेपन है। इस मंदिर में गर्भगह के रंगमंडप के द्वार से राजमहल तक सुरंग बनी हुई है। यहाँ के राजा जैनधर्म कार्यों में भाग लेते थे और उनकी रानियाँ राजमहल से भगवान के दर्शन करने सरंग से आती थीं। यहाँ के मन्दिर अपनी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध हैं। यहाँ के प्रत्येक मंदिर में प्रतिमा, तोरण, गुम्बजों में अद्भुत कला के दर्शन होते हैं। सिरोही शहर में सर्वधर्म मन्दिर भी दर्शनीय है। ठहरने की व्यवस्था : यहाँ धर्मशाला एवं भोजनशाला की सुविधा है। ठहरने हेतु धर्मशालाएँ (1) जैन वीसी, सुनार वाडा, सिरोही; (2) राजमाता धर्मशाला; (3) संघवी डाहजी देवीचंद जी धर्मशाला, सदर बाजार, सिरोही में हैं। भोजनशाला जैन वीसी सुनार वाडा में है। श्री गोहिली तीर्थ पेढ़ी : श्री पार्श्वनाथ भगवान जैन देरासर पेढी मु. पो. गोहिली, जि. सिरोही (राजस्थान) मूलनायक : श्री गोडीजी पार्श्वनाथ भगवान, श्वेतवर्ण। मार्गदर्शन : सिरोही रोड रेल्वे स्टेशन से यह स्थान 27 कि.मी. तथा सिरोही से यह स्थान 3 कि.मी. है। परिचय : गोहिली गाँव के मध्य में यह स्थान है। उपलब्ध शिलालेख से प्रतीत होता है कि यह स्थान विक्रम संवत तेरहवीं सदी के पर्व का है। समय-समय पर यहाँ जीर्णोद्धार हुए। इस भव्य बावन जिनालय की निर्माण शैली अति आर्कषक है। ठहरने की व्यवस्था : ठहरने के लिये यहाँ धर्मशाला है किन्तु अधिकांश लोग सिरोही ठहरकर यहाँ आते हैं। सिरोही से बस तथा टैक्सी मिलती हैं। Ja96ducation International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002578
Book TitleJain Tirth Parichayika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year2004
Total Pages218
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Pilgrimage
File Size14 MB
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