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________________ राजस्थान कांकरोली जैन तीर्थ परिचायिका नाथद्वारा से 16 कि.मी. तथा उदयपुर से 63 कि.मी. दूर स्थित कांकरोली में जयसंमद झील के निकट नाथद्वारा मन्दिर जैसा श्रीकृष्ण का सुन्दर रमणीक मन्दिर बना हुआ है। भगवान कृष्ण यहाँ द्वारिकाधीश के रूप में पूजे जाते हैं। नाथद्वारा तथा हल्दीघाटी से कांकरोली के लिए बस सेवा उपलब्ध है। एकलिंगजी मेवाड़ के महाराणाओं के इष्ट देव शिवजी के एकलिंग रूप का मन्दिर उदयपुर से 25 कि.मी. दूर उत्तर में कैलाशपुरी ग्राम में स्थित है। एकलिंगजी के नाम से प्रसिद्ध इस क्षेत्र के नाथद्वारा से भी 25 कि.मी. दूर स्थित है। नाथद्वारा यह कोई जैन तीर्थ न होकर भी पर्यटक दृष्टि से व वैष्णव तीर्थ होने के कारण एक प्रमुख स्थान रखता है। एकलिंग जी से 25 कि.मी. दूर स्थित नाथद्वारा। उदयपुर से 50 कि.मी. दूर उदयपुर-अजमेर मार्ग पर स्थित है। यहाँ श्रीनाथ जी का भव्य, प्राचीन व दर्शनीय मन्दिर है। यहाँ अच्छे होटलों का अभाव है। धर्मशालाएँ कई हैं। राज्य के विभिन्न नगरों से नाथद्वारा के लिए बस सेवा उपलब्ध है। हल्दीघाटी महाराणा प्रताप व अकबर की प्रसिद्ध रणस्थली हल्दिया रंग में रंगी माटी वाली हल्दी घाटी उदयपुर से 56 कि.मी. व नाथद्वारा से 14 कि.मी. दूर स्थित है। यहाँ महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की समाधि व एक संग्रहालय दर्शनीय है। राजसमन्द झील कांकरोली के निकट ही उदयपुर, अजमेर मार्ग पर राजसमन्द झील स्थित है। उदयपुर से यह 70 कि.मी. दूर है। इसका जैन मन्दिर भी अत्यन्त दर्शनीय है। निकट ही दुर्ग भी है। कुम्भलगढ़ उदयपुर से 64 कि.मी. दूर अरावली पर्वतमाला के ढाल पर कुम्भलगढ़ दुर्ग अपनी प्राचीनता के लिए प्रसिद्ध है। राजस्थान का यह द्वितीय प्राचीन दुर्ग है। पन्नाधाय की ऐतिहासिक दास्तान इसी दुर्ग से सम्बन्धित है। इस दुर्ग के नीचे द्वितीय शताब्दी में बना विध्वस्त जैन मन्दिर है। निकट ही काली मन्दिर, राजा कुम्भा की समाधि, नीलकण्ठ महादेव का मन्दिर दर्शनीय है। कुम्भलगढ़ की मृगयाभूमि भी देखी जा सकती है। मार्च से जून तक वन्य जीव यहाँ झील पर पानी हेतु आते हैं। इसको देखने कुम्भलगढ़ बस स्टैण्ड से पैदल अथवा जीप द्वारा जा सकते हैं। 94 Jain Eucation International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002578
Book TitleJain Tirth Parichayika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year2004
Total Pages218
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Pilgrimage
File Size14 MB
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