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राजस्थान
जैन तीर्थ परिचायिका वीरदेव ने किया। बाद में विक्रम संवत् 973 में विदग्धराजा ने जैनधर्म को स्वीकार कर इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया। इस राजा के वंशजों ने भी जैनधर्म प्रचार का कार्य किया। मंदिर के नीचे तलघर में गुलाबी संगमरमर में से तराशी हुई श्री महावीर स्वामी की मूर्ति बहुत ही सुन्दर है। प्रमुख मंदिर के चारों ओर चौबीस देरीयों में चौबीस तीर्थंकरों की प्रतिमाएँ हैं। समय के प्रभाव से यह मंदिर जीर्ण हुआ, तब विक्रम संवत् 1942 में बिजापुर निवासी श्री झवेरचंदजी कामदार तथा अन्य धर्मप्रेमी श्रावकों ने नये कलापूर्ण मंदिर की विक्रम संवत् 2006 में आचार्य श्री विजयवल्लभसूरी जी म. के सान्निध्य में प्रतिष्ठा की। इस मंदिर की दीवारों पर शत्रुजय, गिरनार, सम्मेतशिखरजी आदि प्रसिद्ध तीर्थों के पट तथा भगवान महावीर के जीवन प्रसंग पर आधारित चित्र अंकित हैं। हथुण्डी तीर्थ का सर्वांगीण विकास हो रहा है। प. पू. मुनिराज श्री अरुणविजय जी म. की सत्प्रेरणा से श्री महावीर वाणी समवसरण मंदिर का निर्माण हो रहा है।
ठहरने की व्यवस्था : मंदिर के पास 32 कमरों वाली दो विशाल धर्मशालाएँ हैं। पंखे आदि की
आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध है। यहाँ एक उपाश्रय भी है। भोजनशाला का उचित प्रबंध है। एक साथ 200-400 यात्रियों के संघ के आने पर भी ठहरने खाने पीने की पूरी व्यवस्था हो जाती है। यहाँ से 12 कि.मी. दूर सिरोही रोड परद्र मोरीबेड़ा में भगवान वासूपूज्य स्वामी का मन्दिर भी दर्शनीय है। जहाँ आचार्य वल्लभसूरी जी का समाधि मन्दिर भी है। यहाँ से 3 कि.मी. दूर दादा पार्श्वनाथ का अतिप्राचीन मन्दिर है। मोरीबेड़ा पेढ़ी का फोन नं. 02933-43128 है।
श्री नाणा तीर्थ
पेढ़ी : श्री वर्धमान आनंदजी जैन पेढी मु. पो. नाणा, ता. बाली जिला पाली (राजस्थान)
मूलनायक : श्री जीवित स्वामी महावीर भ., श्वेतवर्ण। मार्गदर्शन : नाणा रेल्वे स्टेशन से 2.5 कि.मी. तथा बामणवाडा से 25 कि.मी. दूरी पर यह तीर्थ
स्थित है। घाणेराव से सिरोही रोड, पिंडवाड़ा होते हुए नाणा जाना सुविधाजनक है। यह
स्थल घाणेराव से 61 कि.मी. तथा सिरोही से 43 कि.मी. दूरी पर स्थित है। परिचय : यह तीर्थ भगवान महावीर के समय का माना जाता है। प्रतिमा अति आकर्षक एवं
हँसमुख है। ठहरने की व्यवस्था : ठहरने के लिए धर्मशाला है।
श्री वेलार तीर्थ
पेढ़ी : श्री आदीनाथ जैन पेढी, वेलार तीर्थ मु. पो. चामुडेरी, ता. वेलार, जिला पाली (राजस्थान)
मूलनायक : श्री आदीश्वर भगवान, श्वेतवर्ण। मार्गदर्शन : नाणा रेल्वे स्टेशन से यह स्थान 3 कि.मी. दूरी पर, वेलार गाँव के बाहर, पहाड़ की
ओट में है। सिरोही से लगभग 46 कि.मी. दूरी पर यह स्थित है। परिचय : पहाड़ की ओट में स्थित मंदिर अति मनोरम और मनभावन लगता है। प्रभु प्रतिमा
सुन्दर एवं प्रभावशाली है। ठहरने की व्यवस्था : मंदिर के पास धर्मशाला है, किन्तु खास सुविधा न होने से श्री नाणा
तीर्थस्थान पर ठहरकर यहाँ आना सुविधाजनक है।
90 Jan Edfication International 2010_03
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