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________________ जैन तीर्थ परिचायिका | राजस्थान मूलनायक : श्री मनमोहन पार्श्वनाथ भगवान, श्वेतवर्ण। श्री बाली तीर्थ मार्गदर्शन : फालना से यह तीर्थस्थान 10 कि.मी. दूरी पर है। स्टेशन से तीर्थ तक आने हेतु टैक्सी, रिक्शा, तांगा की सुविधा उपलब्ध है। सांडेराव-फालना-सादड़ी मार्ग पर सांडेराव पेढ़ी : से 18 कि.मी. तथा सादड़ी से 16 कि.मी. दूरी पर यह तीर्थ स्थित है। बाली गाँव के मध्य श्री मनमोहन पार्श्वनाथ पेढी भाग में यह मंदिर है। निकटतम शहर सेसली से यह 3 कि.मी. दर स्थित है। श्री राता मु. पो. बाली, महावीर यहाँ से 18 कि.मी. दूरी पर स्थित है। लुणावा यहाँ से 1 कि.मी. है। स्टेशन फालना जिला पाली (राजस्थान) परिचय : मूलनायक प्रभु प्रतिमा पर विक्रम संवत् 1161 का लेख उत्कीर्ण है। यह तीर्थ अत्यन्त फोन : 02938-22029 प्राचीन है। प्रातः 7 बजे पूजा होती है। तीन सौ वर्ष पूर्व इस मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ। प्रभु प्रतिमा अति सौम्य एवं प्रभावशाली है। मंदिर की निर्माण शैली निराले ढंग की है। लुणावा श्री नागेश्वर पार्श्वनाथ जैन में मन्दिर में पार्श्वनाथ प्रभु की सुन्दर खड़ी प्रतिमा है। जो मन को बरबस आकर्षित तीर्थ करती है। भद्रंकर नगर, पोस्ट लुणावा ठहरने की व्यवस्था : यहाँ धर्मशाला एवं भोजनशाला है। भोजनशाला में नि:शुल्क भोजन की स्टेशन फालना, जिला पाली व्यवस्था है। प्रातः 11 बजे से सुविधा उपलब्ध हो जाती है। लुणावा में भी भोजनशाला एवं धर्मशाला का प्रबन्ध है। फोन : 02938-52228 मूलनायक : श्री शान्तिनाथ भगवान, श्वेतवर्ण। श्री सेवाडी तीर्थ मार्गदर्शन : फालना से 16 कि.मी. दूरी पर सेवाडी गाँव के मध्य बाजार में यह मंदिर है। नाणा तीर्थ से यह स्थान बाली रोड पर 17 कि.मी. दूर स्थित है। हथुण्डी से मात्र 9 कि.मी. दूरी पेढ़ी : पर यह तीर्थ स्थान है। श्री जैन श्वेताम्बर देवस्थान पेढी परिचय : मूल गर्भगृह के द्वार पर 16 विद्यादेवियों की मूर्तियाँ, यक्ष कुबेर की मूर्तियाँ तथा गर्भगृह मु. पो. सेवाडी, ता. बाली में गजलक्ष्मी की मूर्ति हैं। बाली से हथुण्डी जाते समय यह तीर्थस्थान मार्ग में आता है। जिला पाली (राजस्थान) मंदिर के विशाल एवं उत्तुंग शिखर की निर्माणकला अद्वितीय है। बावन जिनालय में सारी प्रतिमाएँ प्राचीन हैं। यहाँ सरस्वती देवी की आकर्षक प्रतिमा है। ठहरने की व्यवस्था : यहाँ धर्मशाला, आयंबिलशाला है। मूलनायक : श्री महावीर स्वामी भगवान, लालवर्ण। श्री हथुण्डी तीर्थ मार्गदर्शन : फालना से 28 तथा राणकपुर से 32 कि.मी. दूरी पर यह तीर्थस्थान है। यह तीर्थ (राता महावीर) जवाई बांध स्टेशन से सिर्फ 20 कि.मी. है। सिरोही-पाली के राज्यमार्ग 27 पर बाली होकर सीधे आया जा सकता है। पिंडवाड़ा-बाली रोड पर स्थित बीजापुर गाँव (बस स्टैन्ड)से . पेढ़ी : 3 कि.मी. दूरी पर है। बीजापुर पर टैक्सी आदि की सुविधा उपलब्ध है। बीजापुर से आने श्री हथुण्डी राता महावीर जाने के लिए पक्का सड़क मार्ग बना हुआ है। उदयपुर से गोगुंदा-राणकपुर होकर आया जा जैनतीर्थ पेढी सकता है। मु. पो. बिजापुर, परिचय : ईंट, चूना और रेत से बनी लाल रंग (राता वर्ण) की भगवान महावीर स्वामी की जि. पाली- 306 707 प्रतिमा है। अतः यह तीर्थ श्री राता महावीर के नाम से भी जाना जाता है। भगवान के लांछन (राजस्थान) सिंह को हाथी का मस्तका लगा हुआ है, इस प्रकार का चिह्न अन्यत्र देखने को नहीं मिलता। फोन : (02933) 40139 दो हजार वर्ष पहले हस्तीकुंड नामक यह एक विशाल नगर था। इस मंदिर का निर्माण विक्रम संवत् 370 में आचार्य श्री सिद्धसेनसरी जी म. की प्रेरणा से यहाँ के धर्मप्रेमी श्रेष्ठी Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only 189 www.jainelibrary.org
SR No.002578
Book TitleJain Tirth Parichayika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year2004
Total Pages218
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Pilgrimage
File Size14 MB
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