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________________ राजस्थान श्री नाडलाई तीर्थ पेढ़ी: नवी मु. पो. नाडलाई, वाया देसूरी जिला पाली (राजस्थान) फोन : 02934-82424 जैन तीर्थ परिचायिका मूलनायक : श्री नेमिनाथ भ., श्री आदिनाथ भ.। मार्गदर्शन : घाणेराव से लगभग 13 कि.मी. दूरी पर यह तीर्थस्थान है। परिचय : यहाँ आमने-सामने पहाड़ों पर दो प्राचीन जैनमंदिर हैं, जिन्हें शत्रुजय और गिरनार का प्रतीक माना जाता है। पहाड़ के अलावा यहाँ-तलहटी में भी सात तथा गाँव में एक मंदिर है। गाँव में जो आदिनाथ भगवान का मंदिर है, उसके विशाल रंगमंडप पर सुन्दर चित्रकारी है। पर्वत पर जो मंदिर है, वहाँ जाने-आने में करीब डेढ घंटा लगता है। ठहरने की व्यवस्था : यहाँ पर धर्मशाला और भोजनशाला की सुविधा उपलब्ध है। श्री घाणेराव तीर्थ (कीर्तिस्तंभ) पेढ़ी: श्री विजय हिमाचल कीर्तिस्तंभ डाकघर घाणेराव, ता. देसुरी, जि. पाली फोन : (02934) 7327 मार्गदर्शन : रानी स्टेशन से 15 कि.मी. दूरी पर स्थित है श्री घाणेराव तीर्थ । यहाँ से श्री मुछाला महावीर तीर्थस्थान 5 कि.मी. फासले पर है। परिचय : कुछ साल पहले यहाँ नौ मंजिला कीर्तिस्तंभ निर्माण किया गया। जिसमें आठवीं और नौवीं मंजिल पर चौमुखी प्रतिमाएँ हैं। नीचे कंपाउण्ड में दो मंदिर हैं। राणकपुर तीर्थ के निर्माता धारणशाह के वंशजों की चौदहवीं-पंद्रहवीं पीढी आज भी घाणेराव गाँव में निवास करती है। ठहरने की व्यवस्था : यहाँ यात्रियों के लिये निवास और भोजन की व्यवस्था है। ठहरन श्री मुँछाला महावीर तीर्थ पेढ़ी : श्री आनंदजी कल्याणजी पेढी मूलनायक : श्री महावीर स्वामी, श्वेतवर्ण। मार्गदर्शन : पाली जिले में देसुरी तहसील में घाणेराव से 5 कि.मी. तथा राणकपुर से 30 कि.मी. दूर स्थित है यह तीर्थ। सादड़ी से यह स्थान 12 कि.मी. दूरी पर है। परिचय : यह तीर्थ अत्यन्त प्राचीन है। यहाँ पर भगवान महावीर का 24 जिनालय के साथ भव्य मंदिर है। यहीं भगवान महावीर की एक ऐसी प्रतिमा है जिसमें प्रभु की प्रतिमा पर मूंछ है। इसी से इस तीर्थस्थान का नाम मुँछाला महावीर पड़ गया। यहाँ की मूर्ति प्रभावी मानी जाती है। लोगों को आज भी यहाँ चमत्कार देखने को मिलते हैं। प्रतिवर्ष महावीर जयन्ती के दिन चैत्र शु. 13 को यहाँ बड़ा मेला लगता है। ठहरने की व्यवस्था : यहाँ पर यात्रियों के लिये निवास और भोजन की सुविधा है। मुछाला महावीर जी मु. पो. घाणेराव, जि. पाली (राजस्थान) फोन : 02934-84056 फालना फालना शहर में पार्श्वनाथ स्वामी का मन्दिर बना है। प्रमुख स्टेशन होने के कारण सभी प्रमुख गाड़ियों का यहाँ ठहराव है। दिल्ली, अहमदाबाद, जयपुर, जोधपुर सभी स्थानों से यहाँ ट्रेनों का आवागमन है। स्टेशन से 100-150 मीटर की दूरी पर ही धर्मशाला है। भोजनशाला का प्रबन्ध नहीं है। शहर में रेस्टोरेंट आदि उपलब्ध हैं। वाहन भी उपलब्ध हैं। धर्मशाला का फोन नं. 02938-33109 है। राणकपुर की यात्रा करने वालों को फालना-सादड़ी होते हुए राणकपुर जाना पड़ता है। Jain & chition International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002578
Book TitleJain Tirth Parichayika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year2004
Total Pages218
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Pilgrimage
File Size14 MB
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