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जैन तीर्थ परिचायिका
राजस्थान मूलनायक : श्री पार्श्वनाथ भगवान, श्वेतवर्ण।
श्री वरकाणा तीर्थ मार्गदर्शन : रानी रेल्वे स्टेशन से यह मात्र 8 कि.मी. दूरी पर स्थित है। फालना से 18 कि.मी. की दूरी पर यह तीर्थ स्थान है।
पेढ़ी:
श्री जैन देवस्थान पेढी परिचय : यह गोडवाल पंचतीर्थी का एक प्रमुख तीर्थ माना जाता है। सकल तीर्थ स्तोत्र में इसका
डाकघर वरकाणा, उल्लेख है। यहाँ की प्रतिमा विक्रम संवत् 519 में प्रतिष्ठा हुई मानी जाती है। यहाँ प्रतिवर्ष
स्टेशन रानी, पौष कृष्णा दशमी को मेला लगता है। वरकाणा का जैन छात्रालय प्रसिद्ध है। आचार्य श्री
जिला पाली (राजस्थान) विजयवल्लभ सूरी जी के शिष्य आचार्य श्री ललित सूरी जी की प्रेरणा से इसका निर्माण हुआ। .
फोन : (02934) 22257 ठहरने की व्यवस्था : मंदिर के पास ही धर्मशाला तथा भोजनशाला की सुविधा है।
मूलनायक : श्री ऋषभदेव भगवान।
श्री अष्टापद जैन मार्गदर्शन : श्री राणकपुर-वरकाणा गोडगांव पंचतीर्थी की मुख्य सड़क पर सुकड़ी नदी के तीर्थ
पश्चिम दिशा में रानी शहर में यह तीर्थ स्थली स्थित है। परिचय : परम पूज्य आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वर जी म. सा. की हार्दिक पढ़ा :
श्री अष्टापद जैन तीर्थ भावना के अनुरूप एवं प. पू. आचार्य श्रीमद् विजय जिनोत्तम सूरीश्वर जी म. सा. की मंगल प्रेरणा से श्री अष्टापद जैन तीर्थ पर अष्टापद जिन मंदिर श्री वर्धमान जिनपट्ट परम्परा, देव- सुशा
व सुशील विहार, गुरु मन्दिर, श्री नवग्रह शान्ति जिन मन्दिर का सुन्दर एवं भव्य नव निर्माण हुआ है। यहाँ वर
* वरकाणा रोड, का कला सौन्दर्य मनमोहक है। यहाँ आराधना भवन, श्रमणी विहार, संघ भवन, आयम्बिल
- मु. रानी-306 115 खाता भवन, जैन भवन, भोजनशाला 6 ब्लॉक टॉवर आदि सविधाएं उपलब्ध हैं। प. जि. पाला (राजस्थान) महातपस्वी रूप सागर जी म. की देहरी का निर्माण भी दर्शनीय है। यहां का सुन्दर सुरम्य *
फोन : (02934) 22715 वातावरण चित्त को असीम शान्ति प्रदान करता है।
मूलनायक : श्री पद्मप्रभु भगवान, श्वेतवर्ण।
श्री नाडोल तीर्थ मार्गदर्शन : देसुरी से 15 कि.मी. दूर तथा नाडलाई से 11 कि.मी. दूर तथा घाणेराव से 24 कि.मी. दूरी पर यह तीर्थ स्थित है।
पेढ़ी : परिचय : किसी समय नाडलाई और नाडोल दोनों एक ही शहर रहे होंगे, लेकिन आज दो छोटे
श्री पद्मप्रभुजी जैन श्वे.
देवस्थान पेढी छोटे गाँव हैं। यहाँ जैनसमाज के लगभग 250 परिवार रहते हैं। यहाँ के चार जैनमंदिरों में
मु. पो. नाडोल, से श्री पद्मप्रभु भगवान तथा श्री नेमिनाथ भगवान का मंदिर प्राचीन है।
स्टेशन रानी, यहाँ के श्री नेमिनाथ भगवान मंदिर में एक सुरंग है। कहा जाता है कि यह सुरंग नाडलाई जि. पाली (राजस्थान) तक जाती है। विक्रम संवत् 300 में इस परिसर में महामारी फैल गयी। जिसकी शान्ति के फोन : 02934-40044 लिये आचार्य श्री मानदेवसूरी जी ने भोयरे में योग साधना कर लघु शान्तिस्तोत्र की रचना की थी। जिससे बीमारी शान्त हो गयी। आज भी इस स्तोत्र का कई भक्तजन प्रतिदिन जाप करते हैं। इस भोयरे के प्रवेशद्वार के पास आचार्य श्री मानदेवसूरी जी की मूर्ति है, जहाँ गत
1800 वर्षों से लगातार अखंड ज्योत जलती रहती है। ठहरने की व्यवस्था : मन्दिर के निकट ही भोजन, बिजली, पानी आदि सुविधायुक्त
धर्मशाला है।
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