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राजस्थान
जैन तीर्थ परिचायिका श्री जिरावला पार्श्वनाथ मंदिर, पाली से 4 कि.मी. दूर एक छोटी पहाड़ी की टोकरी, हेमावास बाँध के पास स्थित है। जो दर्शनीय है एवं मणिभद्र वीर अधिष्टायक की देहरी
पहाड़ी की तलहटी पर है। ठहरने की व्यवस्था : श्री नवलखा रोड पर श्री नवलखा धर्मशाला एवं भोजनशाला है।
श्री सांडेराव तीर्थ
पेढ़ी: श्री शान्तिनाथ श्वेताम्बर जैन पेढी मु. पो. सांडेराव, वाया फालना, ता. बाली, जि. पाली (राजस्थान) फोन : (02938) 44756
मूलनायक : श्री शान्तिनाथ भगवान, श्वेतवर्ण। मार्गदर्शन : यह स्थान घाणेराव से 50 कि.मी दूर तथा सादड़ी से 34 कि.मी. दूरी पर बाली
आहोर मार्ग पर स्थित है। सांडेराव गाँव के मध्य रावले के पास यह तीर्थ है। पाली से सिरोही मख्य मार्ग पर पाली से 55 कि.मी. तथा सिरोही से 53 कि.मी. दूर है। परिचय : यह तीर्थस्थान 2500 वर्ष प्राचीन माना जाता है। यहाँ का मंदिर कलात्मक तथा प्रभु
प्रतिमा भव्य है। प्रतिमा के परिकर की कारीगरी बहुत ही सुन्दर है। यहाँ मंदिर के सामने उपाश्रय में श्री मणिभद्र यक्ष का स्थान है, जहाँ अनेक चमत्कारिक घटनाएँ घटी हैं।
यहाँ श्री केसरियानाथ जी का मंदिर है। ठहरने की व्यवस्था : यहाँ पर ठहरने के लिये धर्मशाला है।
श्री खुडाला तीर्थ मूलनायक : श्री धर्मनाथ भगवान, श्वेतवर्ण।
मार्गदर्शन : फालना से 3 कि.मी. दूरी पर खुडाला गाँव के रावला वास में यह तीर्थस्थान है। पेढ़ी :
फालना सांडेराव से 9 कि.मी. तथा सादड़ी से 25 कि.मी. दूर है। श्री धर्मनाथजी पार्श्वनाथजी देवस्थान जैन पेढी
" परिचय : प्रभु प्रतिमा पर विक्रम संवत् 1243 का लेख उत्कीर्ण है। जीर्णोद्धार के समय मंदिर मु. पो. खडाला, ता. बाली म मानाकारी का काम सुन्दर ढंग से किया हुआ है। जि. पाली (राजस्थान) ठहरने की व्यवस्था : ठहरने के लिये फालना स्टेशन के पास धर्मशाला है, भोजनशाला,
आयंबिलशाला का भी प्रबंध है।
श्री खिमेल तीर्थ
पेढ़ी: श्री जैन देवस्थान ट्रस्ट मु. पो. खिमेल, ता. बाली, वाया रानी जि. पाली-306 115 (राजस्थान) फोन : (02934) 22052
मूलनायक : श्री शान्तिनाथ भगवान, श्वेतवर्ण। मार्गदर्शन : यह स्थान रानी स्टेशन से 5 कि.मी. तथा फालना से 10 कि.मी. दूरी पर खीमेल
गाँव के बाहर स्थित है। नाडोल से 14 कि.मी. तथा सांडेराव से यह 22 कि.मी. दूर स्थित है। रानी स्टेशन से टैक्सी व बस सुविधा उपलब्ध है। बस प्रत्येक एक घण्टे में मिलती है।
यहाँ से रमणीया 15 कि.मी. राणकपुर 30 कि.मी., वरकाणा 18 कि.मी. दूरी पर स्थित हैं। परिचय : प्रभु प्रतिमा की अंजनशलाका विक्रम संवत् 1134 में हुई थी ऐसा शिलालेख पाया
गया है। प्रभु प्रतिमा अति मनमोहक है। पूजा का समय प्रातः 7 बजे से 12 बजे तक है। पुजारी यहीं रहता है। अत: यात्रियों के बाद में आने पर भी दर्शन लाभ हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त गाँव में शांतिनाथ भगवान का, पावापुरी-महावीर स्वामी का तथा बावन जिनालय
श्री आदिश्वर प्रभु का यह तीन मन्दिर हैं। ठहरने की व्यवस्था : ठहरने हेतु धर्मशाला उपलब्ध है। यहाँ 4 कमरे बने हैं। दोपहर 1 बजे
तक तथा सायं सूर्यास्त से पूर्व तक भोजन की सुविधा उपलब्ध है।
86 Jain Edupation International 2010_03
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