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[ 24 ] विषय
पृष्ठांक अष्टम अध्याव-मिथ्यात्वी मोर आराधना-विराधना २२२-२५३
(१) मिथ्यात्वी आराधक और विराधक पृ० २२२ (२) १ : (क) मिथ्यात्वी की शुद्ध क्रिया और आराधना
विराधना पृ० २२३ १ : (ख) मिथ्यात्वी को बालतपस्वी से सम्बोधन
पृ० २४२ १: (ग) मिथ्यात्वी को भावितारमा अणगार से
सम्बोधन पृ० २४७ (२) मिथ्यात्वी-आख्यात्मिक विकास की भूमिका पर पृ० २४८ २ (क) मिथ्यात्वी के उदाहरण पृ० २५६
२८४-३५२
नवम अध्याय-उपसंहार
(१) मिण्यावी का उपसंहार १० २८४
परिशिष्ट--
३५३-३६०
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