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________________ [ २२६ ] से भारी, पापरूप कीचड़ से भरे हुए, बहुत जीवों को दुःखदायी होने से वैरमार वाले महारंभी, महाकपटी और महाधूर्त, देवगुरू-धर्म की आशातना करने पलि, जीवों को दुःख देने से अप्रतीति अविश्वास वाले, प्रतिषिद्ध आचरण से अपकीति वाले, प्रायः द्वीन्द्रियादि प्राणियों की हिंसा करने वाले पापी पुरुष मरण के समय कालधर्म को प्राप्त कर, पृथ्वीतल का अतिक्रमण कर बधोनरकधरणीतल में-तमतमादि नरक में जाते हैं । कहा है से जहा नामए रुक्खे सिया, पव्वयग्गे जाए मूलच्छिन्ने अग्गे गुरुए जओ निन्नं, जओ दुगां, विसम, तओ पवडंति, एवामेव तहप्पगारे पुरिसजाए गब्भाओ गभं जम्माओ जम्मं माराओ मारं दुक्खाओदुक्खं दाहिणगामिनेरइए कण्हपक्खिए आगमेस्साणं दुल्लमबोहिए यावि भव। -दशाश्रुतस्कंध अ६।१६ अर्थात् जैसे कोई वृक्ष पर्वत के शिखर पर उत्पन्न हुआ हो और उसका मूल कट गया हो एवं ऊपर का भाग बड़ा ही बोझा वाला हो-ऐसा वृक्ष नीचे दुर्गम विषमस्थान में गिरता है इसी प्रकार महामिथ्यात्वो कर्मरूप वायु से प्रेरित होकर नरक रूप खड्डे में गिर जाते हैं । फिर वहाँ से निकलकर एक गर्भ से दूसरे गर्भ में, एक जन्म से दूसरे जन्म में, एक मरण से दूसरे मरण में और एक दुःख से दूसरे दुःख में प्राप्त होते हैं । वह महामिथ्यात्वी-नास्तिकवादी दक्षिणगामी नरयिक अर्थात् नरकावास में भी दक्षिण दिशा के नरकावासों में उत्पन्न होने वाला, कृष्णपाक्षिक अर्थात अर्धपुदगल परावर्तन से अधिक संसार चक्र में परिभ्रमण करने वाला होता है और वह जन्मान्तर में भी दुर्लभ बोषि होता है । अर्थात् जिनेश्वर देव द्वारा प्ररूपित धर्म की प्राप्ति होनी दुर्लभ है। मिथ्यावी की शुद्ध करणो को आज्ञा के बाहर नहीं कहा जा सकता । यदि मिथ्यात्वी सुपात्र दान दे, अहिंसा का पालन करे, मृषा न बोले, चोरी नहीं करे ब्रह्मचर्य का पालन करे, सत्संगति करे, शुद्ध भावना-अनित्य, अशरण आदि भावना भावे, महारम्भ नहीं करे तथा इस प्रकार के जो कुछ भी सुकृत कार्य करे तो उसके पुराने बन्धे हुए कर्मों की निर्जरा अवश्यमेव होती है। उसके जितने भी Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002577
Book TitleMithyattvi ka Adhyatmik Vikas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1977
Total Pages388
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size14 MB
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