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विषय-सूची
विषय
-प्रकाशकीय
-प्रस्तावना -बामुख
१-२३
प्रथम अध्याय-मिष्यावी का स्वरूप
(१) मिथ्यात्वी एक प्रश्न पृ० १ (२) मिष्यात्वी के आत्म उज्ज्वलसा का सद्भाव पृ० २ (३) मिथ्यात्वी की परिभाषा पृ० ४ (४) मिथ्यात्वी के भेद-उपभेद पृ० १० (५) मिथ्याष्टि-जीव पृ० १५ (६) मिथ्याष्टि और क्रियावाद-अक्रियावाद पृ० १६ (७) मिथ्यात्वी और क्षेत्रावगाह पृ० २० (८) मिथ्यात्वी की स्थिति पृ० २१ (६) मिथ्यात्वी का अन्तरकाल पृ० २२
द्वितीय अध्याय-मिथ्यात्वी का सद्-असदअनुष्ठान विशेष २४-५१
(१) मिथ्यात्वी और लेश्या पृ० २४ (२) मिथ्यात्वी और योग पृ० ३१ (३) मिथ्यात्वी और अध्यवसाय पृ० ३३ (४) मिथ्यात्वी और भावना पृ० ३६ (५) मिथ्यात्वी और ध्यान पृ० ३८ (६) मिथ्यात्वी और गुणस्थान पृ० ४३ (७) मिथ्यात्वी और धर्म के द्वार पृ० ४८
५२-५०
तृतीय अध्याय-मिथ्यात्वी और करण
(१) मिथ्यात्वी और करण-अकरण पृ० ५२
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