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पक्खवायरहिरो वायं
भंज
तस्स वयरणं को
-कौन
मन्तइ तो तेण भरिणयं जेण जीविया
जम्महेउत्तण पिया जामो
[(पक्खवाय)- (रहिअ) 1/1 वि] =पक्षपातरहित (वाय) 2/1
=विवाद को (भंज) व 3/1 सक
=सुलझाता है (त) 6/1 स
= उसकी (वयण) 2/1
=बात को (क) 1/1 स अव्यय
=नहीं (मन्न) व 3/1 सक
-मानता है (मानेगा) अव्यय
-तब (त)3/1स
=उसके द्वारा (भण) भूकृ 1/1
=कहा गया (ज) 3/1 स
=जिसके द्वारा (जीव) प्रे भूकृ 1/1
=जिलाया गया (त) 1/1 स
-वह [(जम्म)-(हेउ)-(तण) 3/1] =जन्म हेतुत्व के कारण (पिउ) 1/1
=पिता (जाअ) भूक 1/1 अनि
=हुआ (ज) 1/1 स
=जो [(सह(अ)=साथ) - (जीव) भूक =साथ जिया 1/1] (त) 1/1 स
=वह [(एग)-(जम्म)-(ट्ठाण) 3/1] =एक जन्मस्थान होने के
कारण (भाउ) 1/1
-भाई (ज) 1/1 स
=जो (अट्ठि) 2/2
-अस्थियों को [(गंगा)-(मज्झ) 7/1]
=गंगा के मध्य में (खिव) हेक
=डालने के लिए (ग) भूकृ 1/1 अनि (त) 1/1 स
=वह
सहजीवियो
सो एगजम्मट्ठाणेण
भाया
जो
अट्ठीणि गंगामज्झम्मि खिविउं गयो
=गया
180 ]
[ प्राकृत अभ्यास सौरभ
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