________________
भमन्तो
कत्थवि
गामे
रंधव रम्मि
भोश्रणं
कराविऊण
जिमिउं
उवविट्ठो
तस्स
घरसामिणी
परिवेसइ
तया
ती
लहुपुत्तो
अईव
रोइइ
तनो
तीए
रोसपव्वसं
गयाए
सो
बालो
जलणम्मि
खिविप्रो
सो
वरो
भोयणं
कुतो
उट्ठि
172 ]
(भम) वकृ 1 / 1
अव्यय
( गाम) 7/1
[ ( रंधण ) - (घर) 7 / 1]
( भोश्रण ) 2 / 1
( करें + व ) प्रे. संकृ
(जिम) हे कृ
( उafa) भूकृ 1 / 1
(त) 4 / 1 स
[(घर) - (सामिणी) 1 / 1]
( परिवेस ) व 3 / 1 सक
अव्यय
(ता) 6 / 1 स
[ ( लहु
अव्यय
(अ) व 3 / 1 अक
वि- (पुत) 1 / 1]
अव्यय
( ता ) 3 / 1 स
[ (रोस ) - ( परं) - (व्वस) 1 / 11
(ग) भूकृ 7 / 1 अनि
(त) 1 / 1 स
(बाल) 1/1
(जलण) 7/1
(खिव) मूक 1/1
(त) 1 / 1 स
( वरं) 1/1
( भोयण ) 2 / 1
( कुण) व
( उ ) हेकु
Jain Education International 2010_03
1 / 1
For Private & Personal Use Only
=घूमता हुआ = किसी
= ग्राम में
= पाकगृह
= भोजन
=
= बनवाकर
-
= जीमने के लिए
= बैठा
=
www
- उसके लिए
= घर स्वामिनी ने
= परोसती है (परोसा)
तब
== उसका
= छोटा पुत्र ==अत्यन्त
में
- रोता है ( रोया)
=तब
= उसके द्वारा
= क्रोध के वशीभूत
= होने पर
= वह
बालक
= अग्नि में
=
- फैंक दिया गया
-
= वह
=वर
- भोजन
= करता हुआ
= उठने के लिए
[ प्राकृत अभ्यास सौरभ
www.jainelibrary.org