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लग्गो
सा
भणइ
(लग्य) भूकृ 1/I अनि (ता) 1/1 स (भण) व 3/1 सक
(अवच्च)-(रूव) 1/2] (क) 4/1 स
प्रवच्चरूवाणि
कस्स
अव्यय
=लगा
वह (उसने) =कहती है (कहा) =संतानरूप -किसी के लिए =भी =नहीं -अप्रिय -होते हैं =जिनके =लिए =माता-पिता =अनेक देवताओं की । पूजा, दान, मन्त्र, जप मादि
अव्यय अप्पियाणि (अप्पिय) 1/2 वि होंति
(हो) व 3/2 अक जेसि
(ज) 6/2 स कए
अव्यय पिउणो
(पिउ) 1/2 अणेगदेवयापूयादाण- [(अणेग)+(देवया)+(पूया)+ मंतजवाई
(दाण)+ (मंत)+ (जव)+ (प्राइं)] [(अणेग) - (देवया) - (पूया) - (दाण) - (मंत) -
(जव) - (माइ) 2/1]] किं-कि
(किं) 1/1 स
प्रव्यय कुणन्ति
(कुण) व 3/2 सक
(तुम्ह) 1/1 स सुहेण
(सुह) 3/1 क्रिविन भोयण
(भोयरण) 2/1 (कर) विधि 2/1 सक
-क्या-क्या =नहीं =करते हैं -तुम = सुखपूर्वक = भोजन =करो = पीछे =ही
करेहि
पच्छा
अव्यय
अव्यय
प्राकृत अभ्यास सौरभ ]
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