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________________ (xxxviii) को सुशिष्या साध्वी श्री जितेन्द्र कुमारी जी महाराज ने भो अनेक ग्रंथ इस कार्य में उपलब्ध कराए हैं। अतः मैं उनके मंगल मय भविष्य को की कामना करता हूँ। श्रमणसङ धाय युवाचार्य डा० शिवमुनि जी महाराज का भी में चिरऋपो हूं जिन्होंने प्रस्तुत ग्रंथ की प्रस्तावना लिखकर मुझे अनुगहीत किया है। आपका सहयोग सदैव स्मरण रहेगा और भविष्य में भी ऐसे ही सहयोग की अपेक्षा के साथ आपका धन्यवाद करता हूं। यहां मैं महासती परम विदुषी उपप्रवर्तिनी साध्वी रत्न श्री रविरश्मि जी महाराज का भी साधुवाद करता हूं ग्रंथ प्रकाशन में जिनकी महती प्रेरणा रही है। मेरे इस भागोरथ कार्य में द्वितीय स्थान है विद्वद्वर्य स्व० डॉ० गोपिकामोहन भट्टाचार्य अध्यक्ष, संस्कृत, पालि एवं प्राकृत विभाग, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरु क्षेत्र का। उनकी सहृदयता और निष्काम उदारता से हो मेरा विषय विश्वविद्यालय में स्वीकृत हुआ, उनकी मूक प्रेरणा ज्ञान-साधना में मुझे प्रतिपल मार्ग दर्शन प्रदान करती रहेगी। उनके प्रति मेरा हादिक धन्यवाद है। इस शोध प्रबन्ध के सन्दर्भ में महवपूर्ण स्थान है धर्मनिष्ठ, सन्त सेवक डॉ. श्रोत, धर्म वन्द्र जैन, पालि प्राकृत विभाग, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरु त का। जिनके आत्मीयतापूर्ण उदारमार्ग दर्शन में मैंने यह शोध पवन्ध तैयार किया है। आप से समय-समय पर बहमल्य सुझाव तो मिले ही, साथ में कितने ही अप्राप्य ग्रंथों को भी आपने निजी संग्रह और विभागोय पुस्तकालय से उपलब्ध कराकर हर प्रकार से सहायता दो है। उनको इस उदारता के लिए मैं हृदय से आभारी हं और भविष्य में भी इसी उतम सहयोग को आकांशा के साथ आपके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करता हूं। डॉ० ब्रह्ममित्र अवस्थी, लाल बहादुर शास्त्रो संस्कृत विद्या पीठ, दिल्ली डॉ० जे० सी० राय प्रधानाचार्य, एम० एम० एच० कालेज, गाजियाबाद एवं प्रो० ज० महेशचन्द भारतीय गाजियाबाद का भी मैं आभार मानता हूं। आप सभी से मझे अनेक बहमल्य सुझाव और सहयोग प्राप्त हुए हैं। जैन धर्म दर्शन के प्रौढ़ विद्वान् श्री जयप्रसाव त्रिपाठी का भी सादर स्मरण करता हैं जिन्होंने भी समय-समय पर Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002573
Book TitleYogabindu ke Pariprekshya me Yog Sadhna ka Samikshatmak Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSuvratmuni Shastri
PublisherAatm Gyanpith
Publication Year1991
Total Pages348
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Yoga
File Size14 MB
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