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पापदृष्टिः > पावदिट्ठी (१/३९) कुपितम् > कुवियं (१/४१) प्रांजलिपुटः > पंजलिउडो (-१/४१) शठः > सढ़े
(७/५) दुःखसंबद्धा > दुहसंबद्धा (१९/७१) यथास्फुटम् > जहाफुडं (१९/७६)
श्रृणुत > सुणेह (३६/१३६) अघोषीकरण (De-vocalization)
इसमें घोष ध्वनियां अघोष का रूप धारण कर लेती है। यथाचरिष्यावः > चरिस्सामु (१४/७) प्राप्नोति > पप्पोति (१४/१४) लालप्यमानम् > लालप्पमाणं (१४/१५)
अन्तर्मुहूर्तम् > अंतोमुहुत्तं (३६/१४२) ऊष्मीकरण (Assibilation)
ऊष्मीकरण में कुछ ध्वनियों को ऊष्म ध्वनि में परिवर्तित कर दिया जाता है।
मानुष्यम् > माणुस्सं (२०/११) यथाज्ञातम् > जहानायं (२३/३८) > जस्स
(३२/८) सुखम् > सुह
(३३/५४) अनेकधा > णेगहा
(३६/१४९) जघन्यका > जहन्निया (३६/१५१) तालव्यीकरण
किसी वर्ण का तालव्य ध्वनि में परिवर्तित होना तालव्यीकरण है। यथा
भूतानां > भूयाणं (१/४५) महाद्युतिः > महज्जुई (१/४७) कृत्यते > किच्चइ (४/३)
यस्य
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उत्तराध्ययन का शैली-वैज्ञानिक अध्ययन
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