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________________ नियुक्ति में दूसरे अध्ययन को पूर्व से निर्मूढ़ माना है। इससे फलित होता है कि यह जिनभाषित है। नियुक्तिकार के चार भागों से कर्तृत्व पर नहीं, विषय-वस्तु पर प्रकाश पड़ता है। दसवें अध्ययन की विषय-वस्तु महावीर-कथित है। पर बुद्धस्स निसम्म भासियं' से स्पष्ट है कि कर्त्ता दूसरा कोई है। दूसरे, छठे, उनतीसवें अध्ययन से भी यही तथ्य प्रकट होता है। इइ एस धम्मे अक्खाए कविलेणं च विसुद्धपन्नेणं| तरिहिंति जे उ काहिंति तेहिं आराहिया दुवे लोग।। ८/२० इससे स्पष्ट होता है यह अध्ययन प्रत्येक-बुद्ध विरचित नहीं है। नवां, तेईसवां अध्ययन भी नमि-केशिगौतम द्वारा विरचित नहीं हैं। इसका पता उनके अंतिम श्लोकों से चलता है। इस प्रकार नियुक्तिकार के चार वर्गों से स्पष्ट होता है कि महावीर, कपिल, नमि और केशिगौतम-इनकी उपदेश गाथाओं, संवादों को आधार मानकर ये अध्ययन रचे गए हैं। कब, किसके द्वारा रचे गए-इसका नियुक्ति में उत्तर नहीं है। दूसरे किसी साधन से भी उत्तराध्ययन के कर्ता का नाम ज्ञात नहीं हुआ है। रचनाकाल की मीमांसा से इतना पता चलता है कि ये अध्ययन विभिन्न युगों में अनेक ऋषियों द्वारा उद्गीत हैं। उत्तराध्ययन में ई. पू. ६०० से ई. सन् ४०० तक की धार्मिक व दार्शनिक धारा का प्रतिनिधित्व हुआ है। इनका कुछ अंश महावीर से पहले का भी हो सकता है। चूर्णि में संकेत भी है कि छठा अध्ययन भगवान पार्श्व द्वारा उपदिष्ट है। देवर्द्धिगणी ने आगमों का संकलन वीर-निर्वाण की दसवीं शताब्दी में किया। उत्तराध्ययन के आकार-प्रकार, विषयवस्तु में विस्तार किया या नहीं, इसका उल्लेख नहीं मिलता पर इस निषेध का भी कोई कारण नहीं है। इसलिए उत्तराध्ययन को हम एक सहस्राब्दी की विचारधारा का प्रतिनिधि सूत्र कह सकते हैं। वर्तमान संकलन के आधार पर उत्तराध्ययन के संकलनकर्ता देवर्द्धिगणि प्रतीत होते हैं। प्रारंभिक संकलन और देवर्द्धिगणि कालीन संकलन में अध्ययनों की संख्या व विषयवस्तु में पर्याप्त अंतर है। उत्तराध्ययन में शैलीविज्ञान : एक परिचय ___Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002572
Book TitleAgam 43 Mool 04 Uttaradhyayana Sutra ka Shailivaigyanik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmitpragyashreeji
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2005
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size10 MB
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