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2.
3.
4.
माया
6.
जगह / जग्गहिए / जग्गहिदि / जग्गहिदे जग्गसइ / जग्गस्सए/ जग्गस्सदि / जग्गस्स दे जग्गस्सिदि / जग्गस्सिदे
ससा = प्रथमा एकवचन ( आकारान्त स्त्रीलिंग ) ।
आकारान्त स्त्रीलिंग शब्द ससा आदि में '0' प्रत्यय प्रथमा के एकवचन में लगता है ।
उपर्युक्त सभी क्रियाएं अकर्मक हैं ।
5. उपर्युक्त संज्ञानों के साथ जो क्रिया-रूप काम में आया है वह 'अन्य पुरुष एकवचन ' का है ।
उपर्युक्त सभी वाक्य कर्तृवाच्य में हैं । कर्तृवाच्य में कर्ता (व्यक्ति, वस्तु प्रादि) में प्रथमा होती है ।
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= माता जागेगी ।
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कर्तृवाच्य में प्रयुक्त संज्ञानों के साथ 'अन्य पुरुष सर्वनाम' की क्रिया काम में आती है । यहाँ संज्ञा एकवचन में है, अतः क्रिया भी एकवचन की ही लगी है ।
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[ प्राकृत रचना सौरभ
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