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पाठ 39
संज्ञा शब्द प्राकारान्त स्त्रीलिंग __ससा=बहिन,
माया-माता
क्रियाएँ
हस=हेंसना,
जग्ग=जागना
प्रथमा (एकवचन) वर्तमानकाल (एकवचन)
हसइ/हसेइ/हसए हसदि/हसेदि/हसदे
ससा
=बहिन हंसती है।
सपा हा
माया .
जग्गइ/जग्गेइ/जग्गए जग्गदि/जग्गेदि/जग्गदे
=माता जागती है।
प्रथमा (एकवचन) विधि एवं प्राज्ञा (एकवचन)
हसउ/हसेउ/हसदु/हसेदु
ससा
=बहिन हंसे ।
माया
जग्गउ/जग्गेउ/जग्गदु/जग्गेदु
=माता जागे।
प्रथमा (एकवचन) भूतकाल (एकवचन)
हसीन
ससा
=बहिन हंसी।
माया
जग्गीय
=माता जागी ।
प्रथमा (एकवचन) भविष्यत्काल (एकवचन)
हसिहिइ/हसिहिए/हसिहिदि/हसिहिदे
हसिस्सइ/हसिस्सए/हसिस्सदि/हसिस्सदे | हसिस्सिदि/हसिस्सिदे
ससा
=बहिन हंसेगी।
प्राकृत रचना सौरभ ]
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