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पाठ 40
संज्ञा शब्द प्राकारान्त स्त्रीलिंग
ससा=बहिन,
माया-माता
क्रियाएँ
हस हँसना,
जग्ग-जागना
प्रथमा (बहुवचन)
वर्तमानकाल (बहुवचन)
ससा
ससानो
हसन्ति/हसे न्ति/हसन्ते/हसिरे
=बहिनें हंसती हैं।
ससाउ
माया
मायाग्रो
जग्गन्ति/जग्गेन्ति/जग्गन्ते जग्गिरे
=माताएं जागती हैं।
मायाउ
प्रथमा (बहुवचन) विधि एवं प्राज्ञा (बहुवचन) ससा । ससानो हसन्तु/हसेन्तु
ससा
= बहिनें हंसें।
ससाउ
माया
मायानो
जग्गन्तु/जग्गेन्तु
=माताएँ जागें।
मायाउ
प्राकृत रचना सौरभ ]
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