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1. नरिंदो प्रथमा एकवचन (प्रकारान्त पुल्लिग)।
2. अकारान्त पुल्लिग शब्द नरिंद में श्री प्रत्यय प्रथमा के एकवचन में लगता है ।
3. उपर्युक्त सभी वाक्य कर्तृवाच्य में हैं। कर्तृवाच्य में कर्त्ता- (व्यक्ति, वस्तु आदि) में
प्रथमा होती है ।
3. उपर्युक्त सभी क्रियाएँ अकर्मक हैं ।
5.
उपर्युक्त संज्ञाओं के साथ जो क्रिया-रूप काम में आया है वह 'अन्य पुरुष एकवचन' का
6. कर्तवाच्य में प्रयुक्त संज्ञाओं के साथ अन्य पुरुष सर्वनाम की क्रिया काम में आती है।
यहाँ संज्ञा एकवचन में है, अतः क्रिया भी एकवचन की ही लगी है।
7. अर्द्धमागधी में अकारान्त पुल्लिग शब्दों में 'ए' प्रत्यय भी प्रथमा के एकवचन में लगता
है- नरिंद-नरिदे ।
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प्राकृत रचना सौरभ
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