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पाठ 21
सो-वह (पुरुष), सा=वह (स्त्री)
क्रियाएँ
हस-हँसना, रूस-रूसना, जीव-जोना
सय= सोना, लुक्क छिपना.
गच्च-नाचना जग्ग-जागना
भविष्यत्काल
हसिहिइ/हसिहिए/हसिहिदि/हसि हिदे । हसिस्सइ/हसिस्सए/हसिस्सदि/हसिस्सदे । हसिस्सिदि/हसिस्सिदे
-वह हंसेगा ।
हसिहिइ/हसिहिए/हसिहिदि/हसिहिदे हसिस्स इ/हसिस्सए/हसिस्सदि/हसिस्सदे ह सिस्सिदि/हसिस्सिदे
-वह हंसेगी।
णच्चिहिइ/पच्चिहिएणच्चिहिदि/णच्चिहिदे णच्चिस्स इणच्चिस्सिएणच्चिस्सदि/पच्चिस्सदे =वह नाचेगा । णच्चिस्सिदि/णच्चिस्सिदे
सा
णच्चिहिइणच्चिहिए णच्चिहिदि/णच्चिहिदे णच्चिस्सइणच्चिस्सए/णच्चिस्सदि/णच्चिस्सदे पच्चिस्सिदि/णच्चिस्सिदे
=वह नाचेगी।
1.
(i) सो=वह (पुरुष), सा=वह (स्त्री),
(पुरुषवाचक सर्वनाम) ।
अन्य पुरुष एकवचन
40 ]
[ प्राकृत रचना सौरभ
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