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पाठ 73
संज्ञा शब्द पंचमी बहुवचन
संज्ञाएँ नरिद =राजा
प्रकारान्त पुल्लिग
पंचमी बहुवचन नरिंदत्तो/नरिंदायो। नरिंदाउ/नरिंदाहि/ नरिंदाहिन्तो/नरिंदासुन्तो/ नरिंदेहि/नरिंदेहिन्तो/ नरिंदेसुन्तो
इकारान्त पुल्लिग
सामि =स्वामी
सामित्तो/सामीप्रो/ सामीउ/सामीहिन्तो/ सामीसुन्तो
उकारान्त पुल्लिग
साहु =साधु
साहुत्तो/साहूयो/साहूउ साहूहिन्तो/साहूसुन्तो
प्रकारान्त नपुंसकलिंग
रज्ज =राज्य
रज्जत्तो/रज्जासो/ रज्जाउ/रज्जाहि/ रज्जाहिन्तो/रज्जासुन्तो/ रज्जेहि/रज्जेहिन्तो/ रज्जेसुन्तो
इकारान्त नपुंसकलिंग
वारि
जल
उकारान्त नपुंसकलिंग
वारित्तो/वारीयो/वारीउ/ वारीहिन्तो/वारोसुन्तो वत्थुत्तो/वत्थूप्रो वत्थूउ/वत्थूहिन्तो/ वत्थूसुन्तो
वत्थ
पदार्थ
नरिदत्तो/नरिंदानो/ नरिंदाउ/नरिंदाहि/ नरिंदाहिन्तो/नरिंदासुन्तो ।
डरइ/प्रादि नरिंदेहि/नरिंदेहिन्तो/ नरिंदेसुन्तो
वह राजाओं से डरता है।
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प्राकृत रचना सौरभ
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